उदयपुर। ‘धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः तस्माधर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।’ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह श्लोक लिखकर पार्टी से इस्तीफा दिया है। गौरव विधानसभा चुनाव में उदयपुर से कांग्रेस प्रत्याशी थे। गौरव ने इस्तीफे की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर की है। उनके इस्तीफे के बाद उदयपुर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कांग्रेस में सियासी चर्चाओं का दौर जारी है।

गौरव ने इस्तीफे के साथ लिखे पत्र में कहा है कि कांग्रेस आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें वे ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे हैं। राम मंदिर पर कांग्रेस के स्टैंड से भी वे क्षुब्ध हैं। वे न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकते हैं, न ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकते हैं। पार्टी नए आइडिया के साथ युवाओं के साथ एडजस्ट नहीं कर पा रही है। पार्टी का ग्राउंड लेवल कनेक्ट पूरी तरह टूट चुका है, जिसके कारण न तो पार्टी सत्ता में आ पा रही और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है।

उन्होंने लिखा, इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है, एक ओर जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर सम्पूर्ण हिन्दू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं, यह कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक खास धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है, यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।

उल्लेखनीय है कि बीते विधानसभा चुनाव में वे उदयपुर से भाजपा प्रत्याशी तारांचद जैन से 32,771 वोट से हारे थे। ताराचंद जैन को 97,466 वोट तो गौरव वल्लभ को 64,695 वोट मिले थे। गौरव ने अजमेर विश्वविद्यालय से एमकॉम की पढ़ाई की थी और वह यहां से गोल्ड मेडलिस्ट रहे। उन्होंने क्रेडिट रिस्क मैनेजमेंट में पीएचडी, सीए, सीएस, एलएलबी की भी डिग्री हासिल की है। गौरव राजस्थान के डूंगरपुर डीसीए के अध्यक्ष भी हैं।

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