रांची। झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण और रांची शहर के बड़ा तालाब की सफाई को लेकर कोर्ट के स्वत: संज्ञान पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और आइएसएम धनबाद की ओर से रांची सहित झारखंड के जिलों में भूमिगत जल की रिपोर्ट दाखिल की गयी। बताया गया कि रांची सहित पूरे झारखंड में भूमिगत जल का स्तर प्रतिवर्ष नीचे जा रहा है, इसलिए भूमिगत जल कैसे रिचार्ज रहेगा, इस पर मंथन करने की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने मौखिक कहा कि भूमिगत जल स्तर का प्रतिवर्ष नीचे जाना चिंता का विषय है। राजधानी झारखंड में भूगर्भ जलस्तर दुरुस्त रखने का हर संभव प्रयास सरकार करे। कोर्ट ने भूमिगत जल के नीचे जाने पर जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग सहित संबंधित विभाग, केंद्रीय भूजल बोर्ड को संयुक्त रूप से सुझाव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट के आलोक में राज्य सरकार से पूछा है कि कांके डैम और गेतलसूद डैम में क्या जलकुंभी लगी हुई है। अगर जलकुंभी है, तो इसे अविलंब हटाया जाये। सुनवाई के दौरान बताया गया कि नगर निगम ने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नियम बनाये हैं। इसके साथ 300 स्क्वायर मीटर या उससे अधिक के भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग लगाना जरूरी है।

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