रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन गुरुवार को रांची यूनिवर्सिटी के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में आयोजित ह्यसरहुल महोत्सवह्ण में शामिल हुए। सीपी राधाकृष्णन ने राज्यवासियों को सरहुल की बधाई दी। महोत्सव को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मानव एवं प्रकृति का अन्योन्याश्रय संबंध है। सरहुल का वास्तविक अर्थ वृक्षों एवं प्रकृति की पूजा करना है। इस पर्व में यह संदेश निहित है कि प्रकृति के बिना मानवजाति का अस्तित्व नहीं है।

सरहुल हमारे राज्य के अहम त्यौहारों में से एक है, जिसे देश के अन्य हिस्सों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व जनजाति समुदाय तक ही सीमित नहीं है, इसे सभी समुदाय के लोग पूरी उमंग के साथ मनाते हैं। यह उत्सव सभी के मध्य आपसी भाईचारे के भावना को और सुदृढ़ करता है। उन्होंने कहा कि सरहुल मानवजाति को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता है। आज जहां पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का सामना कर रहा है। वहीं सरहुल जैसे पर्व के संदेश अत्यंत सार्थक है। उन्होंने सभी को आगामी पर्व ह्यरामनवमीह्ण की बधाई और शुभकामनाएं दी।

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