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    Home»झारखंड»आदिवासियों का हित भाजपा और कांग्रेस के लिए कभी चुनावी मुद्दा नहीं रहा: बसंत लोंगा
    झारखंड

    आदिवासियों का हित भाजपा और कांग्रेस के लिए कभी चुनावी मुद्दा नहीं रहा: बसंत लोंगा

    adminBy adminApril 26, 2024Updated:April 26, 2024No Comments3 Mins Read
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    खूंटी। जनजातियों के लिए सुरक्षित खूंटी संसदीय सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भाग्य आजमा रहे कोलेबिरा के पूर्व झामुमो विधायक बसंत लोंगा ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों के ऐजेंडे में आदिवासियों की भलाई की बात कभी नहीं रही। सरना कोड, समता जजमेंट, रुढ़िवादी पारंपरिक व्यवस्था, पेसा कानून जैसे आदिवासियों से जुड़े मामले भाजपा और कांग्रेस के लिए कभी चुनावी मुद्दे कभी नहीं बने सके।

    तोरपा में कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक के पूर्व पत्रकारों से बातचीत करते हुए बसंत लोंगा ने कहा कि वे न कभी झामुमो के विरोधी रहे हैं और न ही वे बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। आज भी गुरुजी शिबू सोरेन उनके आदर्श हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि झामुमो ने 1995 के बाद मुझे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका ही नहीं दिया।

    पूर्व विधायक ने कहा कि आज झामुमो भी उद्देश्यों से भटक गया है। उन्होंने कहा कि खूंटी संसदीय सीट में कांग्रेस और भाजपा के बीच कोई गुप्त समझौता जरूर हुआ है अन्यथा क्या कारण हो सकता है कि लगातार चुनाव हारने वाले कालीचरण मुंडा को ही इस बार भी कांग्रेस ने टिकट दे दिया। उन्होंने कहा कि सरना धर्मावलंबियों के लिए सरना कोड बहुत जरूरी है लेकिन यह मुद्दा न कांग्रेस के घोषणा पत्र में है और न भाजपा के संकल्प पत्र में।

    एक प्रश्न के उत्तर में बसंत लोंगा ने कहा कि खूंटी संसदीय सीट से कांग्रेस की अपेक्षा झामुमो बेहतर प्रदर्शन कर सकता है लेकिन गुप्त समझौते के तहत हर बार आदिवासियों के लिए आरक्षित इस सीट को कांग्रेस को दे दिया जा रहा है और हर बार कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ता है। साथ ही कहा कि 2014 में भी उन्होंने झामुमो के टिकट के लिए प्रयास किया था लेकिन झामुमो पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और कांग्रेस को यह सीट दे दी गई। बसंत लोंगा ने कहा कि आज भी वे अपने को झामुमो का कट्टर सिपाही मानते हैं और गुरुजी का पूरा सम्मान करते हैं और करते रहेंगे।

    तीन लाख परिवारों से लेंगे एक किलो चावल और दस रुपये

    चुनाव में होने वाले खर्च के संबंध में निर्दलीय प्रत्याशी बसंत लोंगा ने कहा कि वे तीन लाख परिवारों से एक-एक किलो चावल और दस-दस रुपये नकद सहायता लेंगे, जिससे चुनाव में होनेवाले खर्च की भरपाई की जायेगी। लोंगा ने कहा कि इस बार पूरे तेवर के साथ लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और गांव-गांव में जिस तरह लोगों का आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है, उससे उनकी जीत तय है।

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