काठमांडू। राजशाही के पक्ष में संघर्ष कर रही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने रविवार को अपने गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए गिरफ्तारी देकर विरोध प्रदर्शन किया है। आरपीपी नेताओं और समर्थकों ने आज बनेश्वर एरिया में संसद भवन के निषेधित क्षेत्र में एकत्र हुए। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के बीच गिरफ्तारी के लिए इकठ्ठा हुए सैकड़ों की संख्या में आरपीपी समर्थकों के अलावा पुलिस ने पार्टी के सभी बड़े नेताओं को भी नियंत्रण में लिया है।

आज के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पार्टी के संसदीय दल कार्यालय में इकट्ठा हुए आरपीपी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगदेन सहित करीब आधा दर्जन सांसदों को पुलिस ने घेर कर रखा। बाद में प्रदर्शन के लिए जैसे ही बाहर निकले, वैसे ही सुरक्षाबलों इन सभी सांसदों को अपने नियंत्रण में ले लिया।

इस गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए आरपीपी के अध्यक्ष राजेन्द्र लिंगदेन ने कहा कि सरकार हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। हमारे प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। हमें अपने कार्यालय में कैद कर के रखा गया था। क्या यही लोकतंत्र है?

आज का विरोध प्रदर्शन आरपीपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा, महासचिव तथा प्रतिनिधि सभा के सदस्य धवल शमशेर राणा की 28 मार्च को हुई गिरफ्तारी के विरोध में केंद्रित रहा। इन नेताओं को काठमांडू के तिनकुने में राजशाही के पक्ष में एक प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया था। आज भी प्रदर्शनकारियों ने “राजा वापस लाओ, देश बचाओ” और “हमारा राजा, हमारा देश, प्राणों से भी प्रिय है” जैसे नारे लगाए।

आरपीपी के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर काठमांडू में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। प्रदर्शन में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना रोकने के लिए चप्पे-चप्पे पर सिविल ड्रेस में पुलिस वालों को तैनात किया गया था। संसद भवन के आसपास के सारे रास्ते और दुकानों को सुरक्षा कारणों से बंद करवा दिया गया था।

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