कोलकाता। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में देशभर में उबाल की आशंका के बीच शुक्रवार को सबसे पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की सड़कों पर मुस्लिम समुदाय उतर आया। जुमे की नमाज के बाद पार्क सर्कस इलाके में हजारों की संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

जानकारी के अनुसार, यह प्रदर्शन जमायत-ए-इस्लाम के आह्वान पर आयोजित किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को सीमित करने और वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करने के इरादे से यह संशोधन पेश किया है। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह संशोधन मुसलमानों की धार्मिक संपत्तियों और संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस कानून को वापस नहीं लिया तो देशभर में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां सतर्क बनी हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित हो चुका है। इस विधेयक के तहत वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन और प्रबंधन में कई बदलाव किए गए हैं। इसके तहत राज्य सरकारों को वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और नियंत्रण के अधिक अधिकार मिल गए हैं, जिसे मुस्लिम संगठनों ने अल्पसंख्यक अधिकारों का हनन बताया है।

इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस विधेयक का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने यह संशोधन देश को धार्मिक आधार पर बांटने की मंशा से लाया है। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि अगर देश में नई सरकार बनी तो इस संशोधन को रद्द कर दिया जाएगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इसे ‘काला कानून’ बताते हुए राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

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