रांची। न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने लूट के आरोपी सामी खान उर्फ बाबू खान को बरी कर दिया है। इसकी वजह चश्मदीद गवाहों का घटना के बारे में जानकारी नहीं होने और जांच अधिकारी द्वारा अदालत में हाजिर नहीं होना है।

महेश हेम्ब्रम ने 16 अक्टूबर 2021 को कांके थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसमें यह कहा गया था कि शाम को वह कार से अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ सुकुरहुट्टू से झलकाडीह जा रहे थे। रास्ते में पुल के पास मोटर साइकल सवार ने उनकी गाड़ी को रोककर 5000 रुपये मांगा। इसका विरोध करने पर मोटरसाईकिल सवार ने हेम्ब्रम का बीएसएफ का आइ कार्ड और मोबाइल छीन लिया।

पुलिस ने शिकायतकर्ता द्वारा बतायी गयी मोटरसाइकिल के नंबर के आधार पर अभियुक्त सामी खान को गिरफ्तार किया। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र समर्पित किया। पुलिस की ओर से इस मामले में सफरोज अंसारी, शाकिर और हाशिम अंसारी नाम के तीन चश्मदीद गवाह पेश किये गये।

गवाही को दौरान इन चश्मदीद गवाहों ने घटना के सिलसिले में किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी और लूट की घटना के शिकायतकर्ता की भी अदालत में जांच नहीं हुई।

इसके अलावा पुलिस की ओर से आरोप साबित करने से संबंधित कोई सबूत भी पेश नहीं किया गया। न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने इन तथ्यों के मद्देनजर लूट के आरोप को बरी कर दिया।

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