इस्लामाबाद। भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के जवाब में नई दिल्ली के कूटनीतिक दंडात्मक उपायों की घोषणा से पाकिस्तान की संघीय सरकार हिल गई है। इनमें सबसे प्रमुख है 1960 से दोनों देशों के बीच जारी सिंधु जल संधि का निलंबन। नई दिल्ली की घोषणा के बाद आनन-फानन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की आपातकालीन बैठक आहूत की। यह बैठक आज सुबह शुरू होनी है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री इशाक डार ने देररात कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री, प्रमुख कैबिनेट सदस्य, सैन्य प्रमुख और खुफिया प्रमुख शामिल होंगे। अखबार के अनुसार, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कल नई दिल्ली में पांच प्रमुख उपायों की घोषणा की। इन्हें उन्होंने सीमा पार आतंकवाद के लिए निर्णायक प्रतिक्रिया कहा। इनमें सिंधु जल संधि को तत्काल निलंबित करना सबसे महत्वपूर्ण था। मिस्री ने कहा कि1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता। यही नहीं, उन्होंने पहलगाम हमले से सीधे तौर पर पाकिस्तान को जोड़ा।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के आरोप के जवाब में पहलगाम हमले में जानमाल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। हालांकि, पाकिस्तान के अधिकारियों ने नई दिल्ली के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की।

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