राशन कार्ड और बाकी डिजिटल स्रोतों से पूरी जांच के बाद ही लाभ मिलेगा
रांची। मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों की पहचान को और मजबूत करने की दिशा में सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग अब योजना में शामिल महिलाओं के राशन कार्ड का सत्यापन करायेगा। इसके लिए विभाग खाद्य आपूर्ति विभाग से राशन कार्ड पोर्टल का एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस तक पहुंच की अनुमति मांगेगा।

इसके साथ ही विभाग अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे एनपीसीआइ (नेशनल पेमेंट कॉरपोर्रशन ऑफ इंडिया), एनआइसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर), और पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) का भी सहयोग लेगा, ताकि लाभार्थियों की जानकारी को अलग-अलग स्तरों पर जांचा-परखा जा सके। इस नयी प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित किया जायेगा कि महिला लाभार्थी 18 से 50 साल की उम्र के हों, झारखंड राज्य की निवासी हों, और उनका राशन कार्ड आधार नंबर से जुड़ा हो।

सरकार ने यह कदम तब उठाया जब हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया—पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति ने एक ही बैंक अकाउंट से योजना के लिए 95 बार आवेदन किया था। ऐसे फर्जीवाड़ों से बचने और सही लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए यह नयी व्यवस्था लागू की जा रही है। अब मंईयां सम्मान योजना में लाभ पाने के लिए सिर्फ आवेदन देना काफी नहीं होगा—राशन कार्ड और बाकी डिजिटल स्रोतों से पूरी जांच के बाद ही लाभ मिलेगा।

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