गिरिडीह। होली के दिन जिले के घोड़थंभा में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़क हुई थी। यहां कई दुकानों को जला दिया गया था। कई वाहनों में आग लगा दी गयी थी। इस घटना को कंट्रोल करने में पुलिस को बहुत ही मशक्कत करनी पड़ी थी। अब इस मामले की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम कर रही है। आयोग की टीम दो दिनों से गिरिडीह में है। इस दौरान पूरे मामले की छानबीन कर रही है। जहां जिलाधिकारी और एसपी से घटना की विस्तृत जानकारी ली गयी। वहीं, घटनास्थल पर पहुंच कर सभी पक्ष को सुना गया है।

घोडथंभा पहुंचे आयोग के सहायक रजिस्टार गौतम कुमार और इंस्पेक्टर यति प्रकाश द्वारा पूरे स्थल का दौरा किया। जिनकी दुकानों को फूंका गया था, उनसे भी जानकारी ली गयी। साथ ही साथ जिनके घरों पर पथराव हुआ था, उनसे भी घटना का विस्तृत विवरण लिया। हालांकि पूछताछ के दौरान आयोग की टीम ने मीडिया से बात नहीं की। सिर्फ इतना ही कहा कि वे जांच के लिए आये हैं।

इस दौरान जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी, खोरीमहुआ के अनुमंडल पदाधिकारी अनिमेष रंजन और खोरी महुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद भी मौजूद थे। अनुमंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम आयी है। पिछले 14 मार्च को हुए दो पक्ष के बीच झड़प की जांच कर रही है।

क्या हुआ था 14 मार्च की शाम
यहां बता दें कि 14 मार्च की शाम को होली का जुलूस निकला था। इस दौरान घोडथंभा के मस्जिद वाले रास्ते से गुजरने से जुलूस को रोका गया तो विवाद शुरू हो गया था। इस बीच जुलूस पर पथराव हो गया। पेट्रोल बम चलाने की बात कही गयी। घटना काफी हिंसक हुई और दुकानों को फूंक दिया गया। कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया था।

भाजपा ने की थी जांच की मांग
बता दें कि इस घटना के बाद भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत कई नेता यहां पहुंचे थे और सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। दूसरी तरफ झामुमो की तरफ से राज्यसभा सांसद डॉ सरफराज अहमद भी यहां आये थे और मामले की जानकारी ली थी।

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