रांची। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था।तब से इस दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार राम नवमी का त्योहार 6 अप्रैल, रविवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार भगवान राम को समर्पित है और इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा भी की जाती है।

इस बार नवमी तिथि 6 अप्रैल सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक का है। वहीं, राम नवमी का मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा-पाठ कर सकते हैं।

पृथ्वी पर दुष्टों का संहार करने के लिए श्री राम ने लिया था जन्म
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया था। वहीं कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया था। भगवान राम विष्णुणजी के सातवें अवतार थे। त्रेता युग में धरती पर आसुरी शक्तियों का प्रकोप और अत्याथचार बढ़ गया। तो श्री हरि ने राजा दशरथ और माता कौशल्यार की संतान के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा जीवन दांव पर लगा दिया था। यही वजह है कि भगवान राम के जन्मदिन के रूप में रामनवमी का पर्व मनाया जाता है।

मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन
राम नवमी के दिन ही चैत्र की नवरात्रि का समापन होता है। चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौंवे स्वरुप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन भक्त अयोध्या जाकर सरयू नदी में स्नान भी करते हैं। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं। साथ ही हवन भी करते हैं। अयोध्या में रामनवमी में चैत्र राम मेले का भी आयोजन किया जाता है।

राम नवमी का महत्व
राम नवमी का पर्व हमें सत्य, धर्म, मर्यादा और आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देता है। भगवान श्रीराम के जीवन से हमें सिखने को मिलता है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी धर्म और सत्य के मार्ग पर अडिग रहना चाहिए। यह पर्व हमें अपने जीवन में संयम, सहनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा के गुणों को अपनाने की सीख देता है।​
अत, राम नवमी का पर्व न केवल भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का प्रतीक है, बल्कि यह हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की भी प्रेरणा देती है। इस पावन अवसर पर, हम सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

रामनवमी के दिन घर में जलाएं दीपक
रामनवमी पर घर में दीपक जलाना बेहद शुभ होता है। सुबह उठकर स्नान पश्चात घर की सफाई करें। घर में गंगाजल छिड़कें। इसके बाद चंदन का तिलक लगाएं, रामजन्म की खुशी में घर में घी के दीपक जलाए जा सकते हैं। मंत्र जाप के दौरान भी दीपक जलाना शुभ होता है।

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