मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की वित्त वर्ष 2025-26 में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पहली समीक्षा बैठक सोमवार को यहां शुरू हो गई। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्‍यक्षता में आयोजित तीन दिवसीय द्वमासिक यह बैठक 7 से 9 अप्रैल तक चलेगी। आरबीआई गवर्नर 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस बार भी रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आरबीआई गवर्नर संजय मल्‍होत्रा की अध्‍यक्षता में तीन दिवसीय द्वमासिक मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक की शुरुआत हो गई है, जो 9 अप्रैल तक चलेगी। गवर्नर संजय मल्‍होत्रा 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे इस बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देंगे। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक इस बार भी नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 फीसदी तक की कटौती कर सकता है।

मौद्रिक नीति समिति क्‍या है?
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति में 6 सदस्य होते हैं। इनमें से 3 सदस्‍य रिजर्व बैंक के होते हैं, जबकि बाकी 3 सदस्‍य केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। छह सदस्‍यीय इस समिति को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मौद्रिक पॉलिसी बनाने के अलावा प्रमुख नीतिगत ब्याज दरें निर्धारित करने का काम सौंपा गया है। ये बैठक आमतौर पर प्रत्‍येक दो महीने में होती है।

क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट वह नीतिगत ब्याज दर होता है जिस पर भारत के बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से पैसे उधार लेते हैं। आरबीआई जब इस दर को कम करता है, तो बैंक भी कम ब्याज दरों पर ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। इसका मतलब है कि लोन लेने वाले लोगों को कम ब्याज देना होगा। अगर रेपो रेट कम होती है तो होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें कम हो जाएंगी। इसके साथ ही कारोबारियों के लिए लोन लेना भी आसान हो जाएगा।

वर्तमान में एमपीसी के सदस्‍य
रिजर्व बैंक के वर्तमान में छह सदस्‍य हैं। इनमें आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा, केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजीव रंजन, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव, डॉ. नागेश कुमार, डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली के सौगता भट्टाचार्य, अर्थशास्त्री प्रोफेसर राम सिंह, डायरेक्टर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय हैं।

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी एमपीसी की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी, जिसे 6.50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी किया गया था। आरबीआई ने यह कटौती करीब 5 साल के बाद की थी। आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक आमतौर पर हर दो महीने में होती है। इस वित्तीय वर्ष में कुल 6 बैठकें होंगी। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में 6 सदस्य होते हैं। इनमें से 3 आरबीआई के होते हैं, जबकि बाकी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।

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