नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने परिसंपत्ति निपटान समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस डीके सेठ को शनिवार को 515.31 करोड़ रुपये का डिमांड डॉफ्ट सौंपा। समिति का गठन रोज वैली पोंजी घोटाले में वैध निवेशकों को उनकी संपत्ति लौटाने के उद्देश्य से किया गया था। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
अनुमान है कि इस राशि का उपयोग एसेट डिस्पोजल कमेटी के पास अब तक दर्ज किए गए 31 लाख दावों में से लगभग 7.5 लाख पीड़ितों को धन वापस दिलाने के लिए किया जाएगा। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एडीसी को 22 करोड़ रुपये की राशि सौंपी थी जिसका उपयोग 32,319 वैध निवेशकों को धन वापस दिलाने के लिए किया गया था।
मंत्रालय के मुताबिक ईडी ने वर्ष 2015-17 में मनी ट्रेल की जांच करके और 2,987 अलग-अलग बैंक खातों का पता लगाकर 515.31 करोड़ रुपये की धनराशि जब्त की थी, जिसमें निर्दोष पीड़ितों से एकत्र की गई धनराशि को भेजा गया था। इसके बाद कानून की उचित प्रक्रिया के बाद उक्त बैंक खातों को जब्त या अटैच कर दिया गया और न्यायाधिकरण द्वारा कुर्की की पुष्टि के बाद उन्हें 700 से अधिक सावधि जमा में बदल दिया गया। ईडी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और त्रिपुरा राज्यों में रोज वैली ग्रुप के खिलाफ पांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के मामलों की जांच कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने 1,172 करोड़ रुपये की अन्य चल और अचल संपत्तियां भी जब्त की हैं, जो परिसमापन और पीड़ितों को वापस करने की प्रक्रिया में है। ईडी ने इन सभी मामलों में पीएमएलए के तहत विशेष अदालतों के समक्ष अभियोजन शिकायतें दायर की हैं।