रांची: मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को कैबिनेट से मंजूरी देने का झामुमो ने विरोध किया है। झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बिल में जो बातें कही गयी हैं, वह सिर्फ अलंकरण हैं। प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को लाभ पहुंचाने के लिए यह बिल लाया गया है। उन्होंने कहा कि झामुमो की सरकार ने भी मेडिकल प्रोटेक्शन बिल लाया था, लेकिन उस समय बिल को लेकर कई बातें सामने आयीं। इसलिए झामुमो ने इसे प्रवर समिति के पास भेज दिया। सुप्रियो ने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन बिल का अब जो ड्राफ्ट आया है, उसमें प्रवर समिति की सिफारिश को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि झामुमो इसे लेकर जोरदार आंदोलन करेगा। बरियातू स्थित झामुमो के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह बातें कहीं।
पेसेंट मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाये सरकार
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि निजी अस्पताल तो इलाज के एवज में मोटी रकम लेते ही हैं। प्रोटेक्शन तो मरीजों को मिलना चाहिए। इसलिए झामुमो सरकार से पेसेंट मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लाने की मांग करता है। उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट से अस्पतालों की मनमानी और बढ़ेगी। एक तो अस्पतालों में मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बड़े अस्पतालों में मरीज को भर्ती करने के समय मोटी रकम ली जाती है। उसके बाद भी परिजनों को यह जानकारी नहीं देते कि मरीज का किस तरह का ट्रिटमेंट चल रहा है। इलाज में कितना खर्च आयेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मरीज के परिजन किसी सोची समझी साजिश के तहत अस्पताल में तोड़फोड़ नहीं करते। जब अस्पताल की लापरवाही से मौत होती है, तभी ऐसा होता है। यह भी गलत है। झामुमो इसकी भी निंदा करता है। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े बिल्डिंगों को प्रोटेक्ट न करे बल्कि मरीजों की सुविधा बढ़ाने की दिशा में काम करे।