नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कुछ अलगाववादी नेताओं ने कथित तौर पर यह स्वीकार किया है कि उन्हें पाकिस्तान से फंडिंग मिलती है। मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक NIA की पूछताछ में हुर्रियत से जुड़े 3 कश्मीरी अलगाववादियों ने अपने संगठन के तार पाकिस्तान से जुड़े होने की बात स्वीकारी है। इस खुलासे के बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अब NIA जल्द ही घाटी के अलगाववादी गठबंधन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के गिलानी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी से भी पूछताछ कर सकती है। NIA सूत्रों का कहना है कि तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। इन 3 आलगाववादी नेताओं के मामले में प्रारंभिक जांच अब नया मोड़ ले सकती है।

गौरतलब है कि सोमवार को ही घाटी के अलगाववादियों के तार दिल्ली के हवाला कारोबारियों के जरिये पाकिस्तान से जुड़े होने के सबूत मिलने की जानकारी सामने आई थी। NIA के सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों की फाइनैंसिंग में हवाला के जरिये पैसे पहुंचाए जाने के सूबत मिले थे।

जानकारी मिली थी कि अलगाववादी गुटों को पाकिस्तान से हवाला के जरिये भेजी गई वित्तीय मदद सऊदी अरब, बांग्लादेश और श्रीलंका के रास्ते दिल्ली के हवाला ऑपरेटरों तक भेजी जाती है। दिल्ली से यह राशि पंजाब और हिमाचल प्रदेश के हवाला ऑपरेटरों के जरिये जम्मू-कश्मीर पहुंचती है। NIA के जांच अधिकारियों ने सोमवार को इस सिलसिले में 3 अलगाववादियों- फारूक अहमद डार उर्फ ‘बिट्टा कराटे’, नईम खान और जावेद अहमद बाबा उर्फ ‘गाजी’ से पूछताछ की थी।

 

NIA इस मामले की शुरुआती जांच के आधार पर पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद, कट्टरपंथी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और जम्मू-कश्मीर नैशनल फ्रंट के अध्यक्ष नईम खान को नामजद कर चुकी है। गौरतलब है कि नईम खान ने ही हाल ही में एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों से हवाला के जरिए वित्तीय मदद लेने की बात स्वीकारी थी। इसके बाद ही NIA ने इस मामले में जांच शुरू की थी। स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद खान को सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से निलंबित भी किया जा चुका है।

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