चुनाव आयोग ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों को सही साबित करने के लिये राजनीतिक दलों को खुली चुनौती देने की तैयारी कर ली है। आयोग इसकी तारीख का ऐलान शनिवार को करेगा।
आयोग की ओर से शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने गत 12 मई को इस मुद्दे पर आहूत सर्वदलीय बैठक के बाद ईवीएम में गड़बड़ी किये जा सकने के तमाम राजनीतिक दलों के दावे को सही साबित करने का मौका देने की घोषणा की थी। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक दलों को 29 मई के बाद जून के पहले सप्ताह में कभी भी ईवीएम में गड़बड़ी करने की चुनौती दी जा सकती है।
इसके लिये आयोग शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फेंस में खुली चुनौती की तारीख की घोषणा करेगा। अधिकारी ने बताया कि आयोग द्वारा सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिये बुलाया जाएगा। इसके लिये आयोग चुनौती में शामिल होने के इच्छुक दल को हाल ही में सम्पन्न हुये पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केन्द्र की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने का विकल्प चुनने के लिये एक सप्ताह का समय देगा। चुनौती स्वीकार करने वाले हर राजनीतिक दल को मशीन में गड़बड़ी करने का अपना दावा सही साबित करने के लिये अलग अलग मौका दिया जाएगा।
इस दौरान आयोग भविष्य में होने वाले सभी चुनाव वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराने की भी आधिकारिक घोषणा करेगा। इससे पहले दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वीवीपेट युक्त ईवीएम की कार्यप्रणाली का मीडिया के समक्ष सजीव प्रदर्शन किया जायेगा। अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान कराने की तैयारी करने का आदेश दिया था। इसके पालन को सुनिश्चित करने के लिये आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी वीवीपेट युक्त ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर ली है।
उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने के लिये आयोग के पास लगभग 50 हजार वीवीपेट मशीनें पहले से मौजूद हैं। इस बीच आयोग ने मशीनों की खरीद प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। जल्द ही इसके लिये निविदा जारी की जायेगी।