रांची: जदयू झारखंड में संगठन मजबूत करने में जुटा है। पार्टी का मकसद अपने वजूद को फिर से कायम करना है। गुरुवार को रांची पहुंचे पार्टी के प्रदेश प्रभारी रामसेवक सिंह ने इसके संकेत दिये। विधानसभा के गेस्ट हाउस में पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं की बैठक में उन्होंने साफ कर दिया कि उन्हें ही पार्टी संगठन में तरजीह मिलेगी जो काम करेंगे। उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने पर भी नेताओं के साथ चर्चा की। इससे साफ है कि पार्टी झारखंड में अपना रिवाइवल चाहती है।
17 मई को नीतीश कुमार का झारखंड दौरा भी इसीलिए हो रहा है।
सभी राज्यों में प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं नीतीश : दरअसल, नीतीश कुमार जानते हैं कि उनकी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में छवि तब तक मुकम्मल नहीं होगी, जब तक कई अन्य राज्यों में उनका प्रभाव न हो। चूंकि झारखंड बिहार का पड़ोसी राज्य है, इसलिए यहां वह खुद को प्रभावी बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि वह पार्टी का झारखंड में रिवाइवल चाहते हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए 30 सितंबर 2016 को पार्टी का प्रदेश कार्यालय खोला गया था, पर कार्यालय खुलने के बावजूद पार्टी अपना मकसद हासिल नहीं कर सकी।
झारखंड में हाशिये पर है जदयू : जदयू के दोबारा प्रदेश अध्यक्ष चुने गये जलेश्वर महतो ने पार्टी संगठन को कभी वक्त ही नहीं दिया। पार्टी जनता के मुद्दों को लेकर सड़क पर नहीं उतरी और न ही उससे जनता अपनत्व महसूस कर सकी। यही कारण है कि पार्टी की राज्य में दुर्गति होती चली गयी। पर अब नीतीश कुमार के 17 मई को झारखंड दौरे और इससे पहले रामसेवक सिंह की बैठक ने संकेत दिये हैं कि पार्टी अब संगठन को मजबूत करने के लिए निर्णायक कदम उठायेगी। गौरतलब है कि नीतीश कुमार आदिवासी सेंगल अभियान की झारखंड बचाओ महारैली में हिस्सा लेने रांची आ रहे हैं।
सरकार गिराओ, झारखंड बचाओ महारैली में शामिल होंगे नीतीश : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को वापस लेने और डोमिसाइल की गलत नीतियों के खिलाफ सेंगल अभियान की सरकार गिराओ, झारखंड बचाओ महारैली 17 मई को मोरहाबादी में होगी। खास बात यह है कि इस अभियान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हिस्सा लेंगे। सेंगल अभियान के राष्ट्रीय प्रमुख सालखन मुर्मू ने पिछले दिनों बिहार में कुमार से मुलाकात की थी और इस अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया था।
महारैली में थियोडर किड़ो और सुमित्रा मुर्मू भी शामिल होंगे।