नई दिल्ली: कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले मामले में शुक्रवार को सीबीआई की एक विशेष अदातल ने पूर्व कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता समेत अन्य को दोषी करार दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई कोर्ट ने कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पावर लिमिटेड (केएसएसपीएल) से जुड़े कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और तत्कालीन निदेशक केसी समारिया को आपराधिक षडयंत्र रचने के मामले में दोषी करार दिया है।
इसके अलावा इसी मामले में अदालत ने केएसएसपीएल और उनके प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को रुद्रपुर कोल ब्लॉक आवंटन मामले में भी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का दोषी करार दिया है, जबकि चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित गोयल को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
आपको बता दें कि अदालत का यह फैसला अदालत मध्य प्रदेश में तेसगोरा-बी रुद्रपुरी कोयला ब्लॉक को केएसएसपीएल को दिए जाने के मामले में अनियमितता बरतने से संबंधित मामले पर सुनवाई के दौरान सुनावया है। जबकि मामले में दोषियों के लिए सजा का ऐलान 22 मई को किया जाएगा।
बता दें कि साल 2012 में कैग ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में 2004 से 2009 के बीच कोयला ब्लॉक आवंटन को गलत करार देते हुए 1.86 लाख करोड़ के घोटाले की बात कही थी। कैग का आरोप था कि बिना नीलामी के ही सरकार ने कई फम्र्स को कोयला ब्लॉक आवंटित कर दिए हैं।
मामले की जांच कर रही सीबीआई ने करीब ऐसे दर्जनों कंपनियों के नाम उजागर किए जिन पर अपनी नेटवर्थ को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने, पिछले कोयला ब्लॉक आवंटन को छिपाने और कोयला ब्लॉक की होर्डिंग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस आवंटन के झोल में पूर्व केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय, बीजेपी राज्यसभा सांसद अजय सांचेती, कांग्रेस नेता विजय दरड़ा और राजेंद्र दरड़ा, राजद नेता और पूर्व कॉरपोरेट मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता के साथ कांग्रेस सांसद और जिंदल स्टील एंड पॉवर के चेयरमैन नवीन जिंदल का नाम भी सामने आया था।