रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए सख्त कानून बनायेगी। बच्चों की ट्रैफिकिंग करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। रोजगार के नाम पर झारखंड की हजारों बेटियां महानगरों में बेच दी गयी हैं। वहां उनका शारीरिक शोषण होता है। यह सब देख कर आखिर नेताओं के शरीर में सिहरन क्यों नहीं पैदा होती है, लेकिन यह देख कर उनकी रूह कांप जाती है। प्रोजेक्ट भवन सभागार में सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत विषय पर आयोजित व्याख्यान में मुख्यमंत्री रघुवर दास बोल रहे थे।
सीएम रघुवर दास ने कहा कि जब वह श्रम मंत्री थे, तब उन्होंने एक रेस्टोरेंट में छापा मार कर 20 बाल मजदूरों को मुक्त करया था। चाकुलिया में भी रेड मारकर बच्चों को छुड़ाया था। उन्होंने कहा कि सरकार हर हाल में विधानसभा में बिल लाकर प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए कड़े कानून बनायेगी।
दरअसल, विधानसभा की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी भी मौजूद थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए सख्त कानून बनाने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के नाम पर प्लेसमेंट एजेंसी बना कर लोग ट्रैफिकिंग कर रहे हैं। बिरसा मुंडा सेवा समिति नाम की प्लेसमेंट एजेंसी ने कई बच्चियों को महानगरों में बेच दिया है। उन्होंने कहा कि बेटियों को बचाना है, तो सरकार को प्लेसमेंट एजेंसियों पर नकेल कसनी होगी। इसकी पहल सरकार के स्तर से होनी चाहिए। इसके लिए सख्त कानून बने।
झारखंड को बनायें देश का सिरमौर
कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि सांसद और विधायक राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा में पहुंचकर कानून बनाने वाले नहीं होते। वे उन लाखों आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनसे वे कभी नहीं मिलते। वे राजनीति जरूर करते हैं, लेकिन पूरे प्रदेश की कलेक्टिव मोरिलिटी का संरक्षण करते हैं। परमात्मा ने सांसदों-विधायकों को बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें यहां तक करना है कि झारखंड देश का सिरमौर बने। उन्होंने कहा कि भले ही झारखंड में अशिक्षा है, लेकिन यहां के लोग भले हैं। प्रदेश सरकार कई योजनाओं के माध्यम से स्थिति बदलने की कोशिश कर रही है। कई संस्थाएं भी मिलकर हालात को बदलने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने सांसदों की तरह हर विधायक को भी एक गांव गोद लेकर आदर्श गांव बनाने की अपील की।