रांची: झारखंड कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को 26 प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें कैबिनेट ने सूढ़ी जाति के समजाति वर्ग के सूढ़ी, सौंडिक, वैश्य को अत्यंत पिछड़े वर्ग की श्रेणी में शामिल किया गया। वहीं राज्य के 18 शहर और अनुमंडलों के मास्टर प्लान को मंजूरी दी गयी है। 25 साल आगे की जनसंख्या को ध्यान में रख कर मास्टर प्लान बनाया गया है। इसमें सड़कें कैसी होंगी, कितनी चौड़ी होंगी, कहां मार्केटिंग कांप्लेक्स बनाया जायेगा। आवासीय परिसर, आॅफिस, हाउसिंग, पार्क, कॉमर्शियल परिसर, गरीबों के लिए सेल्टर, यातायात की व्यवस्था समेत अन्य के लिए स्थान चिह्नित किये जायेंगे। मास्टर प्लान के लिए निजी जमीन अधिग्रहण करने की सरकार की मंशा नहीं है। जरूरत पड़ी, तो सरकारी नियम के अनुसार जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा।
मास्टर प्लान में चार मंजिले तक निर्माण की छूट दी गयी है। सेट बैक के लिए छोड़ी गयी जमीन अगर व्यक्ति दो मंजिला बनाना चाहता है, तो आगे की जमीन वह बिक्री कर सकता है। मास्टर प्लान की सहमति से पूर्व में सभी के विचार और सुझाव मांगे गये थे। सुझाव के बाद ही मास्टर प्लान को अंतिम सहमति दी गयी है। मास्टर प्लान बनाने में पथ, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, राजस्व विभागों से भी सहमति ली गयी है। मास्टर प्लान में जिले, नगर निकाय एवं अनुमंडल को शामिल किया गया है। इनमें हजारीबाग, सरायकेला, हुसैनाबाद, चकुलिया, खूंटी, गोड्डा, चतरा, मधुपुर, झुमरीतिलैया, विश्रामपुर, लातेहार, ताजमहल, सिमडेगा, चाईबासा, मेदिनीनगर, लोहरदगा, गुमला, बुंडू और गिरिडीह को शामिल किया गया है।
अवर निरीक्षकों की नियुक्ति में नहीं होगा साक्षात्कार
गृह विभाग ने अवर निरीक्षक की नियुक्ति में साक्षात्कार का नियम समाप्त कर दिया है। सिपाही से हवलदार में प्रोन्नति के लिए 90 दिन का प्रशिक्षण लेना होगा।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
* मनोरथ नामक रोड लोडर ड्राइवर (अनुसेवक) की नियुक्त पर कैबिनेट ने सहमति दी है। मनोरथ की नियुक्ति उसके पदस्थापन की तिथि से मान्य होगी।
* झारखंड कर्मचारी चयन आयोग में स्नातक या उसके समकक्ष योग्यतावाले पदों पर नियुक्ति के लिए नियमावली के गठन को मंजूरी दी गयी है। इस नियमवाली के तहत योग्यता के अनुसार विभागों में शैक्षणिक योग्यता निर्धारित होगी।
* विवि या उनके संबंधवाले कार्यालय, अंगीभूत महाविद्यालय के नन टीचिंग स्टाफ का कैडर तय कर दिया गया है। सभी पदों को प्रमंडलीय स्तर का माना गया है।
* ऊर्जा विभाग को आवंटित 400 करोड़ रुपये की घटनोत्तर स्वीकृति दी गयी है।