नयी दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव राजीव गौबा देश के सबसे बड़े नौकरशाह, अर्थात कैबिनेट सचिव बनाये जा सकते हैं। वर्तमान कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा के सेवा विस्तार की अवधि 30 जून को खत्म हो रही है। उनके स्थान पर गौबा को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह अभी केंद्रीय गृह सचिव हैं। उम्मीद है कि गौबा एक जून को ही बतौर ओएसडी जिम्मेदारी संभाल लेंगे, ताकि कैबिनेट सेक्रेटेरियट के कामकाज से अच्छी तरह वाफिक हो सकें। मोदी सरकार ने जून 2018 में दूसरी बार सिन्हा को एक साल का एक्सटेंशन दिया था। इस तरह से पीके सिन्हा बतौर कैबिनेट सचिव अपने चार साल पूरे करेंगे। उनसे पहले अजित सेठी का कार्यकाल भी इतना ही रहा था।
राजीव गौबा ने अगस्त 2017 में गृह सचिव का कार्यभाल संभाला था। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में झारखंड कैडर के 1982 बैच के अधिकारी हैं। वह पटना विश्वविद्यालय से बीएससी (फिजिक्स) में गोल्ड मेडलिस्ट हैं।
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार के कामकाज शुरू करने से पहले कई आला अफसरों का भी कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। इनमें रक्षा सचिव, आइबी और रॉ के प्रमुख शामिल हैं।
केंद्र सरकार को 30 मई से पहले रक्षा सचिव का नाम भी तय करना होगा। इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ के चीफ का एक्टेंशन भी मई के आखिर में पूरा हो जायेगा। उम्मीद है कि इन अधिकारियों की नियुक्ति 30 मई को प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण से पहले कर दी जाये।
रक्षा सचिव के लिए कई नामों पर विचार किया जा रहा है। इनमें रक्षा उत्पादन सचिव अजय कुमार, बैंकिंग सचिव राजीव कुमार, पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा और ऊर्जा सचिव अजय भल्ला शामिल हैं। नये रक्षा सचिव की नियुक्ति दो साल के लिए होगी।
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