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नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में चक्रवात फोनी शनिवार की सुबह कमजोर पड़ गया। अब यह पड़ोसी बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है। क्षेत्रीय मौसम केंद्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर में रात में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और मध्यम से भारी बारिश हुई। अधिकारी ने बताया कि चक्रवात जिन जिलों से गुजरा, वहां किसी के हताहत होने या किसी बड़ी क्षति की कोई खबर नहीं है। बाद में 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और गहरे दबाव के साथ यह दोपहर तक बांग्लादेश पहुंच गया।
एनडीआरएफ के डीआइजी आॅपरेशंस रणदीप कुमार राणा ने कहा, चक्रवाती तूफान फोनी अब कमजोर हो गया है और चक्रवात के रूप में पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों से पार कर गया है। परिस्थिति अब नियंत्रण में है और इसका बहुत ज्यादा हानिकारक प्रभाव नहीं है। राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण बल के 65 बचाव और राहत दल फोनी प्रभावित राज्यों में विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं। ओडिशा में 44, पश्चिम बंगाल में नौ, आंध्र प्रदेश में तीन, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मेघालय में एक-एक दल और झारखंड, केरल और तमिलनाडु में दो-दो दल तैनात हैं। फोनी से ओडिशा में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों ने कहा कि आपदा के कारण मरने वालों की संख्या शुक्रवार को आठ थी, जो मयूरभंज जिले में चार और लोगों के मारे जाने के बाद बढ़ कर 12 हो गयी। एयर इंडिया ने फोनी की वजह से फंसे हुए यात्रियों के लिए दिल्ली-भुवनेश्वर के बीच आज अतिरिक्त उड़ानों की घोषणा की है।
पीएम कल जायेंगे ओडिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोनी की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से बात की। प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से हरसंभव मदद मुहैया कराये जाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को ओडिशा के प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेंगे।
पीएम ने की पटनायक से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की और तटीय राज्य में चक्रवात आने के बाद की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया कि केंद्र की तरफ से राज्य को लगातार सहायता मिलती रहेगी।
झारखंड में जोरदार बारिश
फोनी के कारण शुक्रवार को झारखंड के रांची, जमशेदपुर, सिंहभूम, खूंटी, सिमडेगा में जोरदार बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार सुबह पांच बजकर 30 मिनट तक जमशेदपुर में रिकॉर्ड 64.2 एमएम बारिश हुई। वहीं रांची में 16.8 एमएम बारिश दर्ज की गयी। इसके अलावा राज्य के कुछ अन्य जिलों में भी छिटपुट बारिश हुई। इस दौरान जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
12 लाख लोगों को बचाने में मिली कामयाबी, संयुक्त राष्ट्र ने की तारीफ
नयी दिल्ली। फोनी तूफान से पहले तैयारियों को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार की तारीफ की है। आपदा के खतरों से जुड़ी यूएन की एजेंसी ओडीआरआर के प्रवक्ता डेनिस मैक्लीन ने कहा कि सरकार की जीरो कैजुएलिटी पॉलिसी और भारतीय मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी की बदौलत समय रहते 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया और तूफान से मौतों की संख्या कम रही। भारत ने 2013 में आये तूफान के बाद पॉलिसी पर काम शुरू किया था।
भारतीय मौसम विभाग ने फोनी को ‘अत्यंत भयावह चक्रवाती तूफान’ की श्रेणी में रखा है। आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि मामी मिजुतोरी ने कहा, अत्यंत प्रतिकूल स्थितियों के प्रबंधन में भारत का हताहतों की संख्या बेहद कम रखने का दृष्टिकोण, रूपरेखा के क्रियान्वयन में और ऐसी घटनाओं में अधिक जिंदगियां बचाने में बड़ा योगदान है।
यह बेहतरीन समन्वय और तकनीक से संभव हुआ : नवीन पटनायक
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि फोनी से नुकसान को न्यूनतम करने में बेहतरीन समन्वय और तकनीक का बेहतर योगदान रहा। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 12 लाख लोगों को निकाला गया, जिसमें से 3.2 लाख गंजम से 1.3 लाख पुरी से शामिल हैं। करीब सात हजार रसोईघरों और नौ हजार शेल्टर का इंतजाम किया गया। उन्होंने बताया कि इस काम में 45 हजार से ज्यादा वॉलंटियर लगे हुए थे। ओडिशा और केंद्र सरकार के तमाम संबंधित विभाग फोनी से निपटने के लिए तैयार थे। करीब 10 लाख लोगों पर इसका असर होता। आपदा प्रबंधन के एक हजार प्रशिक्षित कर्मचारी खतरे की आशंका वाली जगहों पर भेजे गये। तीन सौ हाइपावर बोट हर पल तैनात रहीं। टीवी, कोस्टल साइरन और पुलिस के अलावा हर उस साधन का उपयोग किया गया, जो आमजन की सुरक्षा के लिए जरूरी था। इसके लिए उड़िया भाषा का ही इस्तेमाल किया गया। संदेश साफ था, तूफान आ रहा है, शिविरों में शरण लें।