सिमडेगा. मनरेगा के काम में हजारों मजदूर जुट गए हैं। कुंआं तालाब के अलावा इस बार मनरेगा में बागवानी की योजनाओं पर प्रशासन का ज्यादा जोर है। इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा में एक लाख 37 हजार मानव दिवस कार्य का सृजन हो चुका है और हर पंचायत में औसतन 138 लोगाें काे मनरेगा से मजदूरी मिली है। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार हर रोज जिले में 13 हजार लोग मनरेगा मजदूरी कर रहे हैं। साढ़े चार सौ गांव वाले जिले के हर गांव में करीब 5 योजना चल रही है। लॉकडाउन से प्रभावित जिले की अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे सुधार होता दिख रहा है। यहां राहत की बात यह कि सिमडेगा कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला जिला है और कोरोना संकट में भी जिले का किसान संघर्ष करते हुए अपने काम को आगे बढ़ा रहा है।
सिमडेगा में 13 हजार मजदूरों को मनरेगा में मिला काम
Previous Article‘लोकल के लिए वोकल’ का मंत्र ही बनेगा भारत का संकट मोचक
Next Article मां क्वारंटीन, पिता की मौत, बच्चा अकेला