स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से कुछ दवाओं का ट्रायल किया जाने वाला है. इसमें ये पता लगाया जाएगा कि कोई दवाई कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कितनी असरदार है.
WHO के इस ट्रायल प्रोग्राम में भारत के भी कम से कम 1500 कोरोना मरीज शामिल होंगे.
इस प्रोगाम में करीब 100 देशों के मरीजों को शामिल किया जाएगा. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसको लेकर मरीजों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है. अब तक भारत के 9 हॉस्पिटल को इस खास प्रोग्राम के लिए चुना गया है. ICMR ने कहा है कि ये संख्या अभी और बढ़ाई जाएगी.
ट्रायल के दौरान मरीजों को एंटी वायरल ड्रग दिए जाएंगे. ये हैं- रेमेडिसविर, क्लोरोक्वीन/हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनवीर-रीटोनवीर. मरीज पर इन दवाओं का परीक्षण किया जाएगा. ट्रायल के दौरान ये पता लगाया जाएगा कि क्या इनमें से किसी दवा का असर कोरोना के मरीज पर हो रहा है या नहीं.
आईसीएमआर-नेशनल एड्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनएआरआई) में डॉक्टर शीला गोडबोले ने कहा, “अभी हम वास्तव में संख्याओं का पालन कर रहे हैं इसलिए परीक्षण स्थल उन क्षेत्रों में होंगे जहां से अधिकांश मामलों की सूचना दी जा रही है. 9 हॉस्पिटल को पहले ही परमिशन दी जा चुकी है, 4 और को भी जल्द ही हरी झंडी दे देंगे. इसमें मरीजों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं है. अभी के लिए 1500 मरीजों पर ट्रायल होगा लेकिन हम और भी ज्यादा मरीज को इस प्रोग्राम में शामिल कर सकते हैं.”