रांची। शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने राज्य के सभी डीजीपी स्तर के अधिकारियों के साथ आॅनलाइन बैठक की। इस बैठक में झारखंड के डीजीपी एमवी राव भी थे। सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों के साथ कोरोना के मद्देनजर महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के पीड़ितों को तत्काल राहत और महिलाओं के विरुद्ध होने वाले विभिन्न साइबर अपराधों के मामलों से निपटने, कोविड -19 महामारी के कारण अन्य राज्यों से वापस लौटीं प्रवासी महिलाओं से संबंधित अपराधों से निपटने तथा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि में उठाये गये अन्य प्रभावी कदमों पर विस्तृत रूप से चर्चा की।

पुलिस महानिदेशक ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को महिलाओं के विरुद्ध संभावित अपराध पर अंकुश रखने के लिए झारखंड पुलिस के स्तर से हर-संभव उठाये गये एहतियाती कदमों की विस्तृत जानकारियां दीं। झारखंड पुलिस के द्वारा बुजुर्गों को विशेष रूप से चिकित्सीय सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जाती रही हैं। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि झारखंड में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की रोकथाम एवं महिला की सुरक्षा हेतु राज्य के 24 जिलों में कुल-36 महिला थाने कार्यरत हैं। सभी महिला थानों में न सिर्फ महिला पुलिस-पदाधिकारी/कर्मी की प्रतिनियुक्ति हैं। राज्य के कुल 08 जिलों में अवैध मानव व्यापार इकाई भी कार्यरत हैं। महिलाओं/बच्चों की समस्याओं से संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतु अपराध अनुसंधान विभाग, झारखण्ड में महिला हेल्प लाइन नं- 9771432103 एवं चाईल्ड हेल्प लाइन नं-8877444444 चालू है। महिलाओं के विरूद्ध साइबर क्राइम अपराध दर्ज कराने हेतु राज्य में कुल सात साइबर थाने में सुविधा उपलब्ध है। महिलाओं की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए झारखंड पुलिस का मोबाइल एप्लीकेशन ‘शक्ति एप’ भी काम कर रहा है। इस बैठक के दौरान डॉ शम्स तबरेज, एआइजी टू डीजीपी, झारखंड एवं अंजनी कुमार झा, पुलिस अधीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग भी उपस्थित रहे।

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