आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को राज्य वापस लाया जा रहा है। ये प्रवासी मजदूर बस और ट्रेन से आ रहे हैं, जबकि राज्य के कई श्रमिक देश के पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में फंसे हुए हैं। ये मजदूर ट्रेन या बस से नहीं आ सकते। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गृहमंत्री अमित शाह को ऐसे प्रवासी मजदूरों को एयरलिफ्ट कराने को लेकर पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था कि फंसे हुए मजदूरों और दूसरे लोगों को झारखंड वापस लाने की सुविधा दी जाये। आग्रह स्वीकार होने के बाद करीब 1.50 लाख प्रवासी मजदूर, छात्र और दूसरे लोग बस या ट्रेनों से लोग वापस आ सके हैं।
जानकारी मिली है कि करीब 200 मजदूर लद्दाख और करीब 450 मजदूर नॉर्थ ईस्ट के पहाड़ी इलाकों में फंसे हुए हैं। ये लगातार झारखंड सरकार से फोन पर संपर्क कर वापसी की गुहार लगा रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से बस या ट्रेनों से इन्हें वापस ला पाना बेहद मुश्किल है। इन्हें वापस लाने का सबसे बेहतर उपाय एयरलिफ्ट करना ही है। परंतु लॉकडाउन की वजह से हवाई जहाज के आवागमन पर पाबंदी है। इन कठिनाइयों की वजह से मैं आपसे आग्रह करना हूं कि लेह-लद्दाख और नॉर्थ ईस्ट से मजदूरों को लाने के लिए एयरलिफ्ट की अनुमति दी जाये। इससे पहले 12 मई को भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को अंडमान-निकोबार से एयरलिफ्ट के जरिए प्रवासियों को लाने के लिए आग्रह किया गया था। पर अभी तक मंत्रालय की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है।