Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, October 13
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»ताजा खबरें»पति की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने गमलों में रखे वट वृक्ष की परिक्रमा की
    ताजा खबरें

    पति की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने गमलों में रखे वट वृक्ष की परिक्रमा की

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskMay 22, 2020Updated:May 22, 2020No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    ”वट साबित्री व्रत पूजन” को महिलाओं ने कोरोना वायरस को मात देकर गमलों में रखे वट वृक्ष के फेरे लगाकर पति की लम्बी आयु , शक्ति और खुशहाली के लिए प्रार्थना किया।

    वैश्विक महामारी से बचाव के लिए घोषित लॉकडॉउन के कारण अधिकांश महिलाओं ने घरों में ही रहकर पूजन किया। कुछ महिलाओं ने गमलों में लगाए गये वट वृक्ष की परिक्रमा किया तो आपपास इस वृक्ष की परिक्रमा कर पूजना किया। इस दिन वट (बरगद) के पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सावित्री भी वट वृक्ष में ही निवास करते हैं। पति की लम्बी आयु , शक्ति और खुशहाली के लिए इस वृक्ष की पूजा की जाती है।

    जमशेदपुर निवासी पूनम और सौनिका  ने बताया कि अपार्टमेंट के छत में एक छोटा वट वृक्ष है। महिलाओं ने उसी की परिक्रमा कर पूजा किया। उन्होने बताया कि पिछले 40 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि घरों, पार्क और गमलों में वट वृक्ष की लोगों को पूजा करनी पड़ी है। कोरोना के कारण ही लोगों को घरों में कैद रहना पड रहा है।

    श्रीमती पूनम ने बताया कि कोरोना महामारी ने लोगों में दहशत पैदा कर दिया है। इसके घातक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। कल तक प्रयागराज ग्रीन जोन में था,यह सुनकर बड़ी खुशी थी। लेकिन देखते ही देखते एक इंजिनियर समेत यहां तीन दु:खद मौत हो गयी। हाल ही में जन्मी नवजात शिशु को क्या पता जिंदगी क्या होती है, उसे भी कोरोना ने संक्रमित कर दिया।

    उन्होने बताया कि दवा से बेहतर बचाव है। परिवार की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ मानव जीवन के घातक संरचना बदलने में शातिर अदृश्य शत्रु से बचाव के लिए वट देवता से लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए प्रार्थना किया।

    पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पायी थी। महिलाएं भी इसी संकल्प के साथ अपने पति की आयु और प्राण रक्षा के लिए व्रत रखकर पूरे विधि विधान से पूजा करती हैं। इस व्रत को स्त्रियां अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना से करती हैं। यह व्रत हर साल जेष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है। इस बार 22 मई को है।

    धर्मिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से इस व्रत को करने वाली महिलाओं की सारी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ पति की लम्बी आयु भी प्राप्त होती है। वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह और संताप मिटाने वाली होती है।

    महिलाए वट वृक्ष के चारों ओर कच्चे सूत की महिलाएं फेरी देती हैं। पूजा में जल, मौली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया चना, फूल तथा धूप का प्रयोग करती हैं। जल से वट वृक्ष को सींचकर उसके तने के चारों ओर तीन बार कच्चा धागा लपेटते हुए परिकमा की जाती है। पूजा में 12 पूरियां और 12 बरगद फल को हाथ में लेकर वट वृक्ष पर अर्पित करती हैं।

    स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में वट सावित्री व्रत पूजन का विस्तार से वर्णन किया गया है। इन दोनों पुराणों में बताया गया है कि ज्येष्ठ मास की अमवस्या तिथि के दिन सुहागन महिलाओं को अपने सुहाग की लंबी उमर के लिए पूजा करनी चाहिए

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleप्लेन क्रैश का आखिरी खौफनाक पल, जब पायलट ने कहा- दोनों इंजन काम नहीं कर रहे
    Next Article दीपक प्रकाश ने विधानसभाध्यक्ष को लिखा पत्र, कहा- बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाये
    azad sipahi desk

      Related Posts

      पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन कांग्रेस में हुए शामिल,केसी वेणुगोपाल ने दिलाई सदस्यता

      October 13, 2025

      केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे जयपुर, एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया स्वागत

      October 13, 2025

      जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट

      October 12, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू
      • महुदा इंटर महाविद्यालय: एक शिक्षण संस्थान की बेबसी की कहानी
      • घाटशिला में सजने लगा है राजनीतिक अखाड़ा
      • पहले एशेज टेस्ट में खेलने की संभावना कम: पैट कमिंस
      • घाना ने कोमोरोस को हराकर पांचवीं बार फीफा विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version