20 हजार करोड़ मजदूरों के खाते में जायेगा: हेमंत
तीन योजनाएं लॉंच, 25 करोड़ मानव दिवस का होगा सृजन
रांची। घर वापसी कर रहे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की दिशा में हेमंत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इस दिशा में सोमवार को तीन बड़ी योजनाएं सीएम हेमंत सोरेन ने लॉंच की। बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना से प्रवासी मजदूरों की जिंदगी खुशहाल करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाया है। इसके जरिये राज्य सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण समेत प्रवासी मजदूरों को भी गांव में ही रोजगार मिले। इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की तीन योजनाओं के माध्यम से 25 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है। इससे करीब 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होगा। सीमित संसाधनों के बल पर स्वास्थ्य सुविधा, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है। झारखंड का रोजगर खेतों से जुड़ा है। संक्रमण के दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी और बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न नहीं हो, इसकी कार्य योजना तैयार कर ली गयी है।
बिरसा हरित योजना से 50 हजार की आमदनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य है। इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी, ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। योजना के जरिये सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाया जायेगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। उन्हें पौधा का पट्टा भी दिया जायेगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें। पौधरोपण के करीब तीन वर्ष बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण करने की भी योजना पर सरकार कार्य कर रही है।
खिलाड़ियों की निखरेगी प्रतिभा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार ने पंचायत स्तर पर खेल का मैदान निर्माण करने की योजना शुरू की है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के माध्यम से जहां एक ओर सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के कार्य करेगी। वहीं खेल के माध्यम से नौकरी में आरक्षण भी दिया जायेगा। खिलाड़ियों को खेल के रास्ते देश और राज्य के विकास से जोड़ना है। यहां के खिलाड़ी पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। बस उसे निखारने की आवश्यकता है। इस योजना का नाम वीर शहीद पोटो हो करने का उद्देश्य आनेवाली पीढ़ी को वीर शहीद की वीरता से अवगत भी कराना है। वीर शहीद पोटो हो ने सिंहभूम में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका था। एक जनवरी 1838 को सेरेंगसिया घाटी में वीर शहीद पोटो हो शहीद हो गये थे। इसलिए खूंटपानी में हर वर्ष पहली जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
किसानों के जीवन में आयेगी खुशहाली
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना के माध्यम से पांच लाख करोड़ लीटर जल वृद्धि की योजना है। भूमिगत जल का संवर्धन आज के समय की जरूरत है, जिसका आभास हम सब को है। योजना के माध्यम से बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना है।
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मनरेगा के तहत रोजगार देना प्राथमिकता: आलम
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि इस कठिन परिस्थिति में विभाग द्वारा योजनाओं को लागू किया जा रहा है। किसानों को लाभ देने के लिए नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना लागू की गयी है। झारखंड में जल संचय जरूरी है, ताकि बहुफसलीय खेती की जा सके। मनरेगा के तहत तेजी से काम का सृजन कर लोगों को रोजगार देना प्राथमिकता है।
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पलायन का कलंक धोने की तैयारी: मिथिलेश
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की यह अनूठी पहल है। यह राज्य के लिए सुनहरा दिवस है। झारखंड की धरती को जो चाहिए, उसे धरातल पर उतारा जा रहा है। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने की योजना है। इस कार्य से किसानों को लाभ तो होगा। साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी हो सकेगा। इन योजनाओं के माध्यम से पलायन का कलंक भी सरकार धो सकेगी।
इनकी रही उपस्थिति
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मनरेगा कमिश्नर सिद्धार्थ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव सहित अन्य उपस्थित थे।