आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन मजदूरों को लेकर काफी चिंतित हैं, जो अपने परिवार के साथ झारखंड के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। कोई सात सौ किलोमीटर दूर है, तो कोई चार सौ किलोमीटर। कुछ मजदूर पत्नी और बच्चे के साथ पैदल घर लौट रहे हैं। कुछ मजदूर ऐसे भी हैं, जो झारखंड में ही एक जगह से दूसरी जगह पैदल जा रहे हैं। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, बंगाल, ओडिशा, बिहार और उत्तरप्रदेश से भी लोग पैदल निकले हैं, उन सभी को सुरक्षित वाहन से घर पहुंचाने का निर्देश सीएम ने आला अधिकारियों को दिया है। सीएम के इस आदेश के बाद पड़ोसी राज्यों के लिए गाड़ियां भेज दी गयी हैं।

जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में मालगाड़ी से कट कर 17 मजदूरों की मौत और उसके बाद से पैदल चलनेवाले प्रवासी मजदूरों की हादसों में मौत की घटना ने सीएम हेमंत सोरेन को भीतर से हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री रेल हादसे के बाद से पैदल लौट रहे मजदूरों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से साफ कहा है कि हरेक मजदूर को घर तक सुरक्षित पहुंचाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इसे हर कीमत पर पूरा करना है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे पैदल चल रहे मजदूरों के लिए वाहन की व्यवस्था तत्काल करें। इसका पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।

जानकारी के अनुसार सीएम के निर्देश के बाद दूसरे राज्यों से लगनेवाले जिलों में प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। राज्य के 22 जिलों की सीमाएं दूसरे राज्यों से मिलती हैं, इसलिए जिला प्रशासनों से कहा गया है कि वे पर्याप्त संख्या में वाहनों की व्यवस्था करें और जैसे ही मजदूरों के पैदल आने की सूचना मिलती है, वाहनों को उन्हें लाने के लिए भेज दें।

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