आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हिंदपीढ़ी क्षेत्र को वृहत कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने के संबंध में एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि हिंदपीढ़ी की लगभग 60-70 हजार जनसंख्या को एक वृहत कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए एक बड़ी आबादी को गत एक माह से घर में कैद कर दिया गया है। उनके मौलिक अधिकार, आकस्मिक चिकित्सीय जरूरत, छोटी-बड़ी आर्थिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है। एक बड़ी आबादी को पूर्ण रूपेण कोरोना इलाका घोषित कर प्रतिबंधित किया जाना प्रशासनिक दृष्टीकोण से उचित नहीं है। यहां उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार का माइक्रो प्लान फॉर कंटेंमेंट एंड लोकल ट्रांसमिशन ऑफ कोरोना डिजीज में यह स्पष्ट किया गया है कि कंटेनमेंट जोन के क्षेत्र का परिसीमन संक्रमण की संख्या एवं संक्रमित व्यक्ति की संपर्क सूची के आधार पर इलाका का मैपिंग किया जाना है। यदि बिना आकलन मशीनरी तरीके से क्षेत्र का परिसीमन किया गया है तो उसे मैपिंग के आधार पर पुन: परिभाषित किया जाना है।
यह जिला प्रशासन रांची के द्वारा नहीं किया गया। शमशेर आलम ने यह भी कहा कि डेक्कन क्रॉनिकल डाट कॉम में प्रकाशित समाचार के अनुसार हैदराबाद नगर पालिका के द्वारा भी न्यूनतम कंटेनमेंट क्षेत्र को चिह्नित करने का निर्णय लेकर सफलतापूर्वक कार्रवाई की जा रही है। इससे बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण, कम राजस्व व्यय, अधिक निगरानी की भी उम्मीद की जा सकती है। हिंदपीढ़ी के कई क्षेत्र हैं, जहां एक भी संक्रमण नहीं पाया गया। या फिर यदि जहां पाया गया, वहां अब रोगी पूर्ण रूप से ठीक हो गये। ऐसी परिस्थिति में शमशेर आलम ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि भारत सरकार से प्राप्त मार्गदर्शिका एवं देश के अन्य क्षेत्रों में अपनाये जा रहे सफल मॉडल तथा व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए हिंदपीढ़ी के कंटेनमेंट जोन को पुन: परिसीमित किया जाये। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आलम ने इस पत्र की प्रतिलिपि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम एवं राज्य के मुख्य सचिव को भी दिया है।