New Delhi : लद्दाख में कोई भी हरकत करने से पहले चीन को कम से कम 10 बार सोचना पड़ेगा। भारतीय सेना ने तैयारी कर ली है। चीन को उसी की भाषा में जवाब मिलेगा। कैसे और कितना, इसकी रूपरेखा मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग सेना प्रमुखों की बैठक में बन गई होगी। इस अहम मीटिंग में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) भी शामिल हुए। CDS, NSA और तीनों आर्मी के चीफ, यही पांच मिलकर चीन पर वार करेंगे। दूसरी तरफ, आर्मी कमांडर्स की बैठक होने जा रही है। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे इसमें शिरकत करेंगे और चीन से तनाव पर भी चर्चा होगी। आर्मी की इस मीटिंग में चीन को जवाबी ऐक्शन का खाका खिंच सकता है।
पीएम मोदी संग CDS, NSA और सेना प्रमुखों की मीटिंग का एजेंडा वैसे तो मिलिट्री रिफॉर्म्स और भारत की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने पर था। मगर चीन की लद्दाख में हरकत ने मीटिंग का रुख मोड़ दिया। सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने पीएम मोदी को लद्दाख के ताजा हालात से रूबरू कराया। यह तय हुआ है कि बॉर्डर पर जो डेवलपमेंट के काम चल रहे हैं, वे नहीं रुकेंगे। चीन ने निर्माण रोकने की शर्त रखी है जिसे भारत मानने को तैयार नहीं। भारत ने चीन से साफ कहा है कि वह बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखे।
हर डेवलपमेंट पर है NSA की नजर
CDS ने तीनों आर्मी के चीफ को साथ लेकर पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी। पैंगोंग झील, गलवां घाटी, डेमचोक और दौलब बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिक भिड़े हैं। NSA अजीत डोभाल ने लगातार LAC पर हुए डेवलपमेंट्स पर नजर रखी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तरी सिक्किम और उत्तराखंड में बॉर्डर पर पिछले दिनों जो भी हलचल हुई है, डोभाल ने उसके बारे में पीएम मोदी को बताया है।