• संक्रमण काल के बाद झारखंड में शुरू होगा नया अध्याय
  •  शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए शुरू होगी नयी योजना
  •  जनता को सरकार से काफी उम्मीदें हैं, हम इन्हें पूरा करेंगे
  • भ्रष्टाचार को हमारी सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी
  •  स्टेट सर्विस टैक्स के जरिये भरा जायेगा राज्य का खजाना

 

पिछले साल 29 दिसंबर को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री का पद संभालनेवाले झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का अब तक का कार्यकाल बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। खाली खजाने के साथ शुरूआत करनेवाले हेमंत सोरेन के सामने कोरोना का संकट काल आ गया, जिसने राज्य की आर्थिक गतिविधियों पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया। लेकिन हेमंत हतोत्साहित नहीं हैं, बल्कि हर दिन नये उत्साह के साथ वह झारखंड के विकास का ताना-बाना बुनते हैं। उनके दिलो-दिमाग में सिर्फ और सिर्फ झारखंड है, यहां के लोग हैं। आजाद सिपाही के राज्य समन्वय संपादक अजय शर्मा से बातचीत के दौरान हेमंत सोरेन ने अपने निजी जीवन के विभिन्न पहलुओं के साथ अपनी सरकार की प्राथमिकताओं और वर्तमान तथा भविष्य की योजनाओं पर खुल कर बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश।

सवाल: कोरोना के संक्रमण काल से उबरने के बाद मजदूर हित में सरकार क्या-क्या निर्णय लेगी?
जवाब: मजदूरों को मनरेगा के तहत जोड़कर कार्य उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही केंद्र सरकार से मनरेगा की मजदूरी दर को बढ़ाने की भी सिफारिश की गयी है। सरकार कृषि संबंधित योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि लोग स्वाबलंबी बनें और अपने राज्य में ही उत्पादन को बढ़ा सकें। ग्रामीण क्षेत्र के लिए तीन नयी योजनाएं आरंभ की जा चुकी हैं। शहरी क्षेत्र के लिए भी शीघ्र ही योजनाएं आरंभ की जायेंगी।

सवाल: करीब छह लाख मजदूर दूसरे राज्यों से झारखंड आ रहे हैं, उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या होगी। इतने मजदूरों को रोजगार से सरकार कैसे जोड़ेगी?
जवाब: राज्य में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन की दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है। इस सिलसिले में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित की जानेवाली तीन योजनाओं बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना का शुभारंभ भी हो चुका है और आने वाले दिनों में इसका दायरा तेजी से बढ़ेगा। हमें राज्य में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस कार्य में पूरी तरह सफल साबित होगी। ना सिर्फ यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि दूसरे राज्यों से भी काम करने के लिए यहां मजदूर आयेंगे।

सवाल: झारखंड ऐसे भी पिछड़ा राज्य है। कोरोना के कारण झारखंड की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो गयी है। इसे सरकार कैसे सुधारेगी?
जवाब: झारखंड की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग केंद्र सरकार से मिलने वाले अनुदान पर निर्भर करता है। हमारी सरकार जब बनी, तो सरकार का खजाना पहले से ही खाली था। हमारी सरकार राजस्व वृद्धि के सारे मुमकिन रास्ते तलाश रही है, जिससे राज्य के आम लोगों को कम से कम दिक्कत का सामना करना पड़े और राजस्व के संग्रहण से जन कल्याणकारी योजनाओं को बिना बाधा के पूरा किया जा सके।

सवाल: राजस्व जुटाने के रास्ते कौन-कौन से होंगे?
जवाब: सरकार इस हेतु राजस्व वृद्धि के लिए स्टेट सर्विस टैक्स में बढ़ोत्तरी के विकल्प को तलाश रही है। अभी फिलहाल झारखंड में पेट्रोल और डीजल पर ढाई रुपये प्रति लीटर कोरोना सेस टैक्स लगाया गया है। पिछली सरकार द्वारा चलायी जा रही एक रुपये में जमीन का निबंधन वाली योजना को बंद कर दिया गया है और रोजाना 40 लोगों को जमीन का निबंधन हेतु अप्वाइंटमेंट दिया जा रहा है। इससे राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो सकेगी। इसी तरह अन्य विकल्पों पर भी सरकार विचार कर रही है।

सवाल: आपकी सरकार जब बनी, तो बेरोजगारों को रोजगार पाने की उम्मीद बढ़ी थी। इस दिशा में क्या कदम उठाये गये हैं?

जवाब: सरकार इस हेतु कार्य कर रही थी, लेकिन कोरोना से उत्पन्न इस आपातकाल की वजह से कई परियोजनाओं पर विराम लग गया है। हमारा पूरा ध्यान इस महासंकट से उबरने पर केंद्रित है। हमारे लिए लोगों का स्वास्थ्य और उनका जीवन प्राथमिकता में है। आने वाले दिनों में सरकार का यह प्रयास होगा कि लोगों को उनके आसपास ही रोजगार मुहैया कराया जा सके। उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।

सवाल: चुनाव के समय जो वायदे किये गये थे, उस दिशा में कौन-कौन से कदम उठाये गये?
जवाब: हमारी सरकार अपने द्वारा किये गये सभी वायदों को पूर्ण करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सरकार द्वारा इस दिशा में कार्य प्रारंभ भी किया गया, लेकिन अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाये जाने हैं। सरकार का खजाना पहले से ही खाली है। इसी बीच कोरोना संक्रमण का प्रकोप शुरू हो गया। कोरोना महासंकट के बावजूद हमारी सरकार ने हाल में ही कृषि एवं जलापूर्ति संबंधित योजनाओं को प्रारंभ किया है। जल्द से जल्द सरकार लोक हित की योजनाओं को शुरू करने का कार्य करेगी।

सवाल: भ्रष्टाचार झारखंड का एक बड़ा मुद्दा रहा है। टॉप-टू-बॉटम करप्शन है। आप कड़े फैसले के लिए जाने जाते हैं। इस दिशा में क्या कदम उठायेंगे?
जवाब: हमारी सरकार भ्रष्टाचार का सख्त विरोध करती है और इसके खिलाफ हमेशा कड़ी कार्रवाई के लिए तत्पर रहती है। हाल में कोरोना संकट में भी कई पीडीएस दुकानदारों द्वारा भ्रष्टाचार के मामले सामने आये, जिन पर त्वरित कार्रवाई भी की गयी। हमारी सरकार में भ्रष्टाचार करने वाला कोई पदाधिकारी हो या कोई निचले स्तर का कर्मी, किसी भी सूरत में कार्रवाई से नहीं बच सकेगा।

सवाल: झारखंड में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कब तक कार्रवाई होगी?
जवाब: कानून अपना कार्य कर रहा है और कोई भी दोषी नहीं बख्शा जायेगा।

सवाल: आदिवासी जनता को आपसे बहुत सारी उम्मीदें हैं। इनके हित में सरकार कौन-कौन से फैसले लेगी?
जवाब: झारखंड एक पिछड़ा राज्य है, जहां दलितों, वंचितों की संख्या बहुत है। नि:संदेह राज्य की जनता को सरकार से काफी उम्मीदें हैं। सरकार सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का निर्माण आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों एवं वंचितों के हितों को ध्यान में रखकर करती है, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। कोरोना संक्रमण से निकलने के उपरांत झारखंड का एक नया अध्याय आरंभ होगा।

सवाल: पूर्व सरकार की गड़बड़ियों की जांच और कार्रवाई कब होगी?
जवाब: सरकार दुर्भावना से प्रेरित होकर कोई भी कार्य नहीं करेगी। पूर्व की सरकार द्वारा कोई गड़बड़ी पायी जाती है, तो उस पर कानून जल्द से जल्द अपना कार्य करेगा। अभी हमारी प्राथमिकता आमजनों का स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा है।

सवाल: झारखंड के किसानों की कर्जमाफी कब तक होगी?
जवाब: कृषि को बढ़ावा देने और किसानों के हित में सरकार कार्य योजना तैयार कर रही है । शीघ्र ही इसका स्वरूप सामने आयेगा।

सवाल: कोई ऐसी अपील, जो आप झारखंड की जनता से करना चाहते हैं?
जवाब: सरकार लोगों से अपील करना चाहेगी कि फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करें, अफवाहों से बचें और मास्क, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ना जायें और सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किये जा रहे निर्देशों का पालन करें, ताकि आप कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रहें। आपकी सुरक्षा में ही समाज, राज्य एवं देश का हित है।

सवाल: लॉकडाउन में आपकी दिनचर्या क्या है?
जवाब: मुख्यमंत्री के लिए जनता का हित और राज्य हित ही सर्वोपरि है। वर्तमान दौर में हमारी जनता स्वस्थ और सुरक्षित रहे, इस राज्य में कोई भूखा नहीं सोये, इसी सोच के साथ और इसके लिए कार्य योजना को मूर्त रूप देने के साथ ही मेरी दिनचर्या प्रारंभ और खत्म होती है।

सवाल: सीएम रहते अपने परिवार को कब और कितना समय देते हैं? बच्चे क्या-क्या सवाल करते हैं?
जवाब: राज्य के मुखिया के रूप में पूरा राज्य ही मेरा परिवार है। यहां की समस्त जनता मेरे परिवार की सदस्य है। इस बीच निजी परिवार को बहुत समय दे पाना तो संभव नहीं हो पाता, परंतु सामाजिक जीवन और पारिवारिक जीवन के बीच संतुलन बनाये रखना ही तो जीवन है। बच्चे ज्यादा संवेदनशील होते हैं, वे चीजों को जल्द समझ लेते हैं।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version