कोरोना संकट को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को चेताने के लिए विपक्षी दलों की आज अहम साझा बैठक की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी ने एकजुटता दिखाते हुए अम्फान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया, वहीं मजदूरों, किसानों और गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए कुछ जरुरी उपाय करने पर जोर दिया गया। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बैठक को संबोधित किया।
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राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा है कि एक ज़रूरी बात, कोरोना से लड़ाई ज़िलों व प्रांतों में लड़ी जा रही है। केंद्र नेतृत्व कर सकता है। पर जैसे केंद्र को प्रांतों की मदद करनी चाहिए थी, वह नहीं हो रही है। ये राजनीति नहीं, देशहित में सच मानने की बात है और प्रान्तों को ताक़त व आर्थिक मदद देने की है।
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा , ‘लाखों करोड़ों का सरकार का पैकेज ये बात ऐक्सेप्ट ही नहीं करता कि लोगों को क़र्ज़ की जरूरत नहीं, पर सीधे मदद की आवश्यकता है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सब आवाज़ उठाएँ। ये देश का सवाल है, दलों का नहीं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो करोड़ों ग़रीबी के जाल में उलझ जाएँगे।’
विपक्ष की सांझी बैठक में आगे कहा कि लॉक्डाउन से करोड़ों लोगों को ज़बरदस्त नुक़सान हुआ है। अगर आज उनकी मदद नहीं की गई, उनके खातों में ₹7,500 नहीं डाला गया, अगर राशन का इंतज़ाम नहीं किया, अगर प्रवासी मज़दूरों, किसानों और MSMEs की मदद नहीं की तो आर्थिक तबाही हो जाएगी।