अजय शर्मा
रांची। गैंगस्टर अमन साव के बड़कागाव थाना हाजत से फरार होने के मामले का अनुसंधान अब सीआइडी करेगी। सरकार ने पहले सीआइडी जांच का आदेश दिया था। अब निर्णय लिया गया है कि यह मामला गंभीर है। इसमें जिला पुलिस पर भगाने का आरोप है। लिहाजा अनुसंधान ही सीआइडी को सौंप दिया गया है। एक-दो दिनों में अनुसंधान के संबंध में आदेश जारी कर दिया जायेगा। सीआइडी यह भी अनुसंधान करेगी कि वह भागा या भगाया गया था। इसमें पुलिस की क्या भूमिका रही है। इन सब बिंदुओं पर भी अलग से जांच होगी।

क्या है मामला
24 सितंबर 2019 को रामगढ़ जेल गेट से अमन साव को हजारीबाग पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अमन के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं था। उसे जमानत पर छोड़ा गया था। हजारीबाग के उरीमारी थाना क्षेत्र में एक झामुमो नेता की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लिया गया था। बाद में पता चला कि उसे एक नेता ने छुड़वाया था। विधानसभा चुनाव में उसके प्रभाव का उपयोग संबंधित नेता करना चाह रहे थे। वे बड़कागांव विधानसत्रभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। अमन साव को बड़ी तामझाम के साथ गिरफ्तार किया गया था। चाक चौबंद व्यवस्था थी, बावजूद इसके 28 सितंबर को नाटकीय तरीके से खूूंखार गैंगस्टर अमन साव भाग खड़ा हुआ।

बड़कागांव थाना में एफआइआर
अमन साव के फरार होने के बाद बड़कागांव थाना में एक एफआइआर दर्ज किया गया है। इसमें उसके भाग जाने की पुष्टि की गयी है। वहीं, दूसरी तरफ इस बात की भी चर्चा है कि उसे भगाया गया था। अब अनुसंधान में यह स्पष्ट हो जायेगा कि उसे भगाने में किसका हाथ था और उद्देश्य क्या था। गिरफ्तारी के वक्त एक नेता उसका खाना लेकर थाना जाते थे। अब सीआइडी पूरे मामले पर से पर्दा उठायेगी। बता दें कि उसके भागने के बाद बड़कागांव के तत्कालीन थानेदार को इस मामले में निलंबित कर दिया गया था। कुछ दिनों बाद ही उसका निलंबन वापस भी हो गया था। अभी वह हजारीबाग जिला बल में हैं।

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