रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने लॉकडाउन में किसानों की दयनीय हालत पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार की योजना और तैयारियों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी का फैसला फाइल से निकल कर बैंकों तक कब पहुंचेगा। इसके साथ ही आजसू अध्यक्ष ने कहा है कि किसानों की कर्जमाफी से सरकार मुंह क्यों मोड़ रही है, जबकि बजट में दो हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। हालांकि यह प्रावधान कर्ज की तुलना में बेहद कम है। इसके बाद भी दो हजार करोड़ रुपये माफ कर देते, तो किसान दबाव से थोड़ी बहुत बच पाते। श्री महतो ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र में पांच मार्च के अलपसूचित प्रश्न के जरिये किसानों की कर्जमाफी को लेकर सरकार की मंशा के बारे में पूछा था।

सवाल के जवाब में सरकार ने माना था कि राज्य के किसानों पर सात हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके बाद भी बजट में कर्जमाफी को लेकर महज 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार गठन के पांच महीने होने को हैं और बजट सत्र के ढाई महीने बीत रहे हैं, अब तक किसानों की कर्जमाफी को लेकर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठा पायी है। कहा कि लॉकडाउन में राज्य के कई इलाकों में किसानों की खेतों में सब्जियां और फल की पैदावार अच्छी हुई, लेकिन खरीदार नहीं मिलने की वजह से वे आंसू पीकर रहने को विवश हैं। हाट-बाजार बंद हैं। सरकार की वेजफेड योजना भी प्रभावकारी नहीं हो पा रही है। किसानों ने बड़े पैमाने पर धान बेचे हैं, तो लैंपस और सहकारी समितियों से समय पर पैसे के भुगतान नहीं किये जा रहे हैं। खेती को आगे बढ़ाने और घर-परिवार की आर्थिक स्थिति संभालने के लिए किसानों के खाते में तत्काल पैसे भेजने की जरूरत थी। पूर्व सरकार की वह योजना भी बंद कर दी गयी है।

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