कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देश अमेरिका में अब महामारी की रफ्तार थम गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मास्क हटाकर इसका एलान कर दिया। इसके बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को पहली बार घोषणा की कि वे दुनिया के अन्य देशों को 20 मिलियन यानी दो करोड़ कोरोना वैक्सीन भेजेंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने इसकी जानकारी दी।
प्रेस सचिव जेन साकी ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही जॉनसन एंड जॉनसन की छह करोड़ वैक्सीन देने की योजना बना चुके थे। अब इसमें फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन भी शामिल की गई हैं। कोरेाना वैक्सीन की इन खुराकों की जून के अंत तक सप्लाई की जाएगी।
व्हाइट हाउस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अपने यहां से कोरोना संकट खत्म करने के बाद अब अमेरिका दुनियाभर से महामारी को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, यह तो सिर्फ पहला कदम है। राष्ट्रपति बाइडन पहले ही वादा कर चुके हैं कि वैक्सीन आपूर्ति के मामले में देश दुनिया का शस्त्रागार बनेगा।
अमेरिका: तीन कंपनियां वैक्सीन भेजने को अधिकृत
अमेरिका में फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को अधिकृत किया गया है। एस्ट्राजेनेका अभी तक इस सूची से बाहर है। जून के आखिर तक खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से सुरक्षा जांच में सफल पाए जाने पर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के भेजने की शुरुआत की जाएगी। अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस देश को किस कंपनी की वैक्सीन की खेप भेजी जाएगी।
मास्क की अनिवार्यता खत्म करने की बड़ी वजह
कोरोना वायरस का कहर कम होने और ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेश किया जाने के बाद अमेरिका ने अपने यहां मास्क की अनिवार्यता खत्म कर दी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि अधिक से अधिक अमेरिकियों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने में हमारी असाधारण सफलता से यह संभव हुआ है। अमेरिका में सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के नए दिशा निर्देशों का जिक्र करते हुए बाइडन ने कहा कि वैक्सीन की पूरी खुराक ले चुके लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा बहुत ही कम है। वैक्सीन ने लोगों के जरिए इस संक्रामक रोग के फैलाने का खतरा कम कर दिया है।