नयी दिल्ली। देश में चल रहे कोरोना टीकाकरण अभियान में बड़ी गड़बड़ी सामने आयी है। देश की दो निर्माता कंपनियां, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के दावे के अनुसार उनके यहां हर दिन 27 लाख खुराक तैयार होती हैं, लेकिन सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश में केवल 16 लाख खुराकें ही दी जा रही हैं। ऐसे में यह सवाल संदेह पैदा करता है कि आखिर हर दिन टीके की 12 लाख खुराक कहां जा रही है। यह सवाल इसलिए भी गंभीर हो गया है कि कई राज्यों में टीके की कमी हो गयी है, जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली समेत कुछ राज्यों में 18-44 वर्ष के लोगों के टीकाकरण देने पर फिलहाल रोक लगा दी गयी है।
भारत सरकार ने मई में ही सुप्रीम कोर्ट को बताया कि देश में रोज करीब 27 लाख खुराकों का उत्पादन हो रहा है। लेकिन इसी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि अभी हर दिन करीब 16 लाख लोगों को टीका दिया जा रहा है। कोविन पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, 22 मई तक भारत में 3.6 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया। इसका हर दिन की औसत करीब 16 लाख खुराक होता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि टीके की कमी के कारण 16 मई को टीकाकरण की रफ्तार कम हो गयी और तब से एक सप्ताह तक 13 लाख लोगों को ही टीका लगाया गया। इससे पहले महाराष्ट्र ने 12 मई को ही 18 से 44 वर्ष के लोगों को टीका देना बंद कर दिया था। कर्नाटक और दिल्ली ने भी बाद में यह कदम उठाया। अब पंजाब और छत्तीसगढ़ में भी इस वर्ग का टीकाकरण रुक गया है, जबकि झारखंड और बिहार में दो-तीन दिन में यह अभियान थम जायेगा।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया हर महीने कोविशील्ड की पांच करोड़ खुराक बना रही है। भारत बायोटेक भी कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराक हर महीने बना रही है। दोनों कंपनियों ने अपनी विस्तार योजना भी दी है। इसके अनुसार कोविशील्ड की अप्रैल से ही हर महीने 6.5 करोड़ खुराक बन रही है और मई तक कोवैक्सीन की भी हर महीने तीन करोड़ खुराक बनने शुरू हो गये हैं। इस हिसाब से मई में भारत में कम से कम 8.5 करोड़ खुराक बनने चाहिए। औसत के हिसाब यह हर दिन 27 लाख खुराक होता है।
इन आंकड़ों के बरअक्स देखा जाये, तो केंद्र ने राज्यों का जो कोटा तय किया है, उसके अनुसार हर महीने राज्यों को करीब पांच करोड़ खुराक मिल रही है। इसमें केंद्र का भी हिस्सा है। ऐसे में बाकी की साढ़े तीन करोड़ खुराक हर महीने कहां जा रही है, इसका हिसाब किसी के पास नहीं है।