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    Home»ताजा खबरें»चीफ सेक्रेटरी के ट्रांसफर पर बंगाल में तकरार, ममता ने PM को लिखी चिट्ठी, कहा- यह पूरी तरह से असंवैधानिक
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    चीफ सेक्रेटरी के ट्रांसफर पर बंगाल में तकरार, ममता ने PM को लिखी चिट्ठी, कहा- यह पूरी तरह से असंवैधानिक

    sonu kumarBy sonu kumarMay 31, 2021No Comments3 Mins Read
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    पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने के केंद्र के आदेश को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया है। बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर रही है।

    बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भेजे पांच पन्नों के पत्र में , मुख्य सचिव को तीन माह का सेवा विस्तार दिए जाने के बाद, उन्हें वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले पर पुन:विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में कहा है ”पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं। यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है।”

    पांच पन्नों के पत्र में बनर्जी ने लिखा, ”पश्चिम बंगाल सरकार इस गंभीर समय में मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती, ना ही उन्हें कार्यमुक्त कर रही है।” मुख्यमंत्री ने पत्र में यह अनुरोध भी किया कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद मुख्य सचिव का कार्यकाल एक जून से अगले तीन महीने के लिए बढ़ाने जो आदेश दिया था उसे ही प्रभावी माना जाए।

    उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा, ”मैं आपसे विनम्र अनुरोध करती हूं कि अपने फैसले को वापस लें और पुनर्विचार करें। व्यापक जनहित में तथाकथित आदेश को रद्द करें। मैं पश्चिम बंगाल की जनता की ओर से आप से अंतरात्मा से तथा अच्छी भावना से काम करने की अपील करती हूं।” उन्होंने कहा कि संघीय सहयोग, अखिल भारतीय सेवा तथा इसके लिए बनाए गए कानूनों के वैधानिक ढांचे का आधार स्तंभ है।

    बनर्जी ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में लिखा, ”मुख्य सचिव को 24 मई को सेवा विस्तार की अनुमति देने और चार दिन बाद के आपके एकपक्षीय आदेश के बीच आखिर क्या हुआ, यह बात समझ में नहीं आई।” उन्होंने कहा, ”मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है।”

    बनर्जी ने कहा, ”मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से। लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है।” बनर्जी ने कहा कि केंद्र का आदेश राज्य के हितों के विरुद्ध है और इसकी वजह से मुख्य सचिव ने हाल ही में निजी तौर पर पीड़ा सही है लेकिन फिर भी वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।

    केंद्र ने एक आकस्मिक फैसले में 28 मई को बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी थीं और राज्य सरकार को प्रदेश के शीर्ष नौकरशाह को तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा था। 1987 बैच के, पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय साठ साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त होने वाले थे। बहरहाल, उन्हें केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया।

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