नई दिल्ली: डीआरडीओ ने राजधानी दिल्ली के एम्स (AIIMS) और आरएमएल (RML) अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगने का काम तेजी से शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि दोनों प्लांट्स में गुरूवार यानी कल से ऑक्सीजन का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. एलसीए तेजस की तकनीक पर आधारित इन ऑक्सीजन प्लांट्स से ऑक्सीजन की सप्लाई सीधे मरीजों को की जाएगी.

 

एबीपी न्यूज की टीम खुद एम्स के ट्रॉमा सेंटर पहुंची, जहां ये प्लांट लगाया जा रहा है. डीआरडीओ ने इस प्लांट को कोयम्बटूर की ट्राईटेंड नाम की कंपनी के साथ मिलकर लगाया है. इस पूरे प्लांट की फंडिग पीएम-केयर फंड से की जा रही है. इस दौरान वहां मौजूद डीआरडीओ के एडिशनल डायरेक्टर, देवेंद्र शर्मा ने बताया कि ये प्लांट वायुमंडल में मौजूद गैस से ऑक्सीजन का उत्पादन करती है. इसीलिए, ये 24×7 काम करता है. ये प्लांट एक मिनट में एक हजार लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, जिससे एक दिन में करीब 190 मरीजों को पांच लीटर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकती है.

 

डीआरडीओ के चेयरमैन के मुताबिक, एलसीए तेजस लड़ाकू विमान के लिए डीआरडीओ ने मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट टेक्नोलॉजी इजाद की थी. इसके तहत आसमान में उड़ान भरते वक्त पायलट को ऑक्सीजन मुहैया कराई जाती है. इसी तकनीक के आधार पर तैयार किए गए प्लांट्स को डीआरडीओ ने लेह और उत्तर-पूर्व के राज्यों में लगाया है. जहां से सेना को ऑक्सीजन सप्लाई सफलतापूर्वक की जाती है. अब जब देश में कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत आन पड़ी है, तो डीआरडीओ इस तकनीक को प्राइवेट इंडस्ट्री और सीआईएसआर को सौंप रही हैं.

 

एक मिनट में 1000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन
इन प्लांट्स में एक मिनट में करीब 1000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है. ऐसे में इस सिस्टम से एक साथ 190 मरीजों को पांच लीटर ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकती है और एक दिन में 195 सिलेंडर को रिफिल किया जा सकता है. डीआरडीओ के मुताबिक, इन प्लांट्स में प्रेशर स्विंग एडसोर्पशन तकनीक और मोल्कयूलर सीइव (जियोलाइट) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर हवा से ही ऑक्सीजन बनाई जाती है.

 

चेयरमैन के मुताबिक, इसके लिए डीआरडीओ ने टाटा कंपनी और कोयम्बटूर की एक कंपनी को तकनीक सौंप दी है (ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलोजी). इसके अलावा काउंसिल ऑफ साईंटेफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) को भी ये तकनीक दी गई है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, टाटा कंपनी देशभर में ऐसे 380 प्लांट तैयार करेगी, और कायम्बटूर की ट्राईटेंड न्यूमैटिक्स प्राईवेट लिमिटेड 48 ऐसे प्लांट तैयार करेगी. आईआईपी भी 120 प्लांट तैयार करेगा. इन सभी प्लांट्स की फंडिंग पीएम-केयर फंड से होगी. ये सभी प्लांट अगले तीन महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे.

 

सतीश रेड्डी के मुताबिक, डीआरडीओ ने लखनऊ में जो कोविड हॉस्पिटल बनाया है, वो अगले एक-दो दिन में शुरू हो जाएगा. इसके अलावा वाराणसी में कुछ दिनों में डीआरडीओ का कोविड सेंटर शुरू होने वाला है.

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