हाल ही में एक अध्ययन के मुताबिक, चीन की लैब में जब कोरोना वायरस तैयार हो गया, तब रिवर्स इंजीनियरिंग के दम पर उसे ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि ये वायरस एक चमगादड़ की वजह से फैला है। डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश प्रोफेसर एंगुस और नॉर्वे के वैज्ञानिक डॉ. बर्जर ने स्टडी में पाया कि चीन ने कोरोना को छुपाने के लिए रेट्रो इंजीनियरिंग के कागज तैयार किए और दुनिया को धोखे में रखा।
वैज्ञानिकों को मिले फिंगरप्रिंट्स, संस्थानों ने उजागर होने से रोका
अध्ययन में दावा किया गया है कि पिछले साल कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने के दौरान वैज्ञानिकों को कुछ फिंगरप्रिंट्स दिखे, जो वायरस में थे। इनसे ये संकेत मिले कि वायरस किसी लैब से आया है। वैज्ञानिक तभी अपनी इस बात को छापना चाहते थे, लेकिन कई बड़े संस्थानों ने इनकार कर दिया और चमगादड़ वाली थ्योरी को ही सही माना।
ट्रंप ने उठाया था सवाल, अब बाइडन ने दिए जांच के आदेश अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जांच का एलान किया है, जिसके तहत यह पता लगाया जाएगा कि आखिर यह वायरस कहां से आया? क्या यह चीन की वुहान लैब से लीक हुआ है या कहीं और से आया है? बाइडन ने 90 दिनों के भीतर इसपर उन्हें रिपोर्ट सौंपने को कहा है। बाइडन ने यह एलान तब किया, जब व्हाइट हाउस को दी गई एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि नंवबर 2019 में वुहान लैब के कुछ कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिनमें कोरोना के लक्षण थे। उसके कुछ वक्त बाद ही कोरोना ने दुनिया में तबाही मचाना शुरू किया था।
सबसे पहले ट्रंप ने किया था यह दावा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मार्च की शुरुआत में ही कहा था कि दुनिया भर में दहशत का कारण बना कोरोना वायरस चीन की लैब में ही बनाया गया था। ट्रंप ने कहा कि उन्हें इसका पूरा भरोसा है और इसके सबूत हैं कि कोरोना वायरस को वुहान की जैविक प्रयोगशाला में विकसित किया गया।
वैज्ञानिकों ने किया बाइडन का समर्थन
कई वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच का पता लगाने के लिए राष्ट्रपति बाइडन की ओर से जांच का आदेश दिए जाने का स्वागत किया है। इनके मुताबिक, इस महामारी का चीन से संबंध होने से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की बात को नकारा नहीं जा सकता। साइंस पत्रिका को लिखे पत्र में 18 वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के वुहान लैब से लीक होने के पहलू को खारिज नहीं किया जा सकता। वैज्ञानिकों कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत वायरस के मूल का पता लगाने के लिए अब तक जो भी जांच हुई है वह भरोसेमंद नहीं है।
ब्रिटिश एजेंसियों को भी वुहान लैब से वायरस लीक होने का यकीन ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों का भी मानना है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से ही लीक हुआ है। मीडिया में यह रिपोर्ट आने के बाद ब्रिटेन में वैक्सीन वितरण का काम देख रहे मंत्री नादिम जहावी ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दोबारा जांच करनी चाहिए।ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन समेत पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को शुरू में लगता था कि कोरोना वायरस के लैब से लीक होने की संभावना बहुत कम है। लेकिन उसके बाद से सामने आए प्रमाणों से इसके लैब से लीक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
ऑस्ट्रेलिया: जांच कराने से मुकर जाता है चीन
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की एक रिपोर्ट में इस बात पर भी सवाल उठाया गया था कि जब भी वायरस की जांच करने की बात आती है तो चीन पीछे हट जाता है। ऑस्ट्रेलियाई साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रॉबर्ट पॉटर ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस किसी चमगादड़ के मार्केट से नहीं फैल सकता। यह थ्योरी पूरी तरह से गलत है।