रामगढ। बंगाल की खाड़ी से शुरू हुआ साइक्लोन “यास” झारखंड के किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर किसान अभी से तैयारी शुरू कर दें, तो वे कई फसलें समय से पहले लगाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यह बात कृषि विज्ञान केंद्र के नोडल पदाधिकारी दुष्यंत कुमार राघव ने कही। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में तबाही मचाने वाला यह साइक्लोन झारखंड में मानसून से पहले ही अच्छी बारिश करा चुका है।

मौसम खुलते ही किसान सबसे पहले अपने खेतों के मेड को मजबूत कर पानी खेत में ही रोक सकते हैं, जिससे उनके खेत की उर्वरा शक्ति बरकरार रहेगी। मौसम साफ होते ही वे जुताई शुरू कर दें‌। इसके बाद वे तिल, मक्का, अरहर, मूंगफली, उड़द की बुवाई कर सकते हैं। पूरे वर्ष बिकने वाला हरा चारा “नेपियर” घास की बुवाई भी किसान अभी से कर सकते हैं।
अपने बागान में फलदार वृक्षों की बुवाई भी किसान करें तो वह भी काफी जल्दी बढ़ेगा। इसके अलावा मछली पालकों के लिए भी साइक्लोन की यह बारिश अच्छी सौगात लेकर आया है। लगभग सभी जगहों पर तालाब भर चुके हैं। मत्स्य पालक उन तालाबों में मछली का बिचड़ा डाल सकते हैं। इसके अलावा धान की अदिति फसल लगाकर किसान जून के पहले हफ्ते में ही अपनी 25 फ़ीसदी जमीन पर बुवाई कर सकते हैं। जब तक किसान अपनी 25 फ़ीसदी जमीन पर धान का बिचड़ा लगाएंगे, तब तक मानसून भी आ जाएगा। इसके बाद अपनी 75 फ़ीसदी जमीन पर आसानी से धान की फसल लगा सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उनकी धान की फसल काफी पहले तैयार हो जाएगी। जिन स्थानों पर धान की फसल नहीं लग पाएगी वहां किसान कुर्थी और मडुवा की फसल लगा सकते हैं, जिससे किसानों को कई गुना अधिक मुनाफा हो सकता है।
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