गिरिडीह। गिरिडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड अंतर्गत ताराटांड़ में एक पिता का कन्यादान करने का अरमान धरा रह गया और बेटी भी अपने जीवन के सबसे अनमोल घड़ी में पिता के आशीर्वाद वंचित ऱह गयी, जिसका मलाल बेटी की जीवन भर रहेगा। प्रखंड के ताराटांड़ में एक बेटी की डोली उठने से पहले उसके पिता की अर्थी उठ गई.।
दरअसल, ताराटांड़ के रहने वाले 40 वर्षीय कृष्णा यादव की बेटी निशा की शादी शानिवार 7 मई को होने वाली थी.। मगर नियति को कुछ और मंजूर था। बेटी की बारात आने से ठीक दो दिन पहले पिता की तबियत बिगड़ी और वह कन्यादान का सपना लिए पिता असमय काल के गाल में समा गए। बताया गया है कि कोरोना से पीड़ित  अस्पताल ले जाते-जाते कृष्णा यादव ने दम तोड़ दिया.। इस दुःखद घटना से पूरे परिवार में मातम पसर गया है, वहीं पूरे इलाके में दुःख का माहौल है। शादी की तैयारियों में जुटा पूरी तरह से परिवार टूट गया है और खुशी का माहौल मातमी सन्नाटे में बदल गया है.।
जानकारी के अनुसार कृष्णा यादव सीसीएल में काम करते थे, उनकी बेटी निशा की बारात 7 मई को आने वाली थी. घर परिवार के सदस्य शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे। इस बीच 4 मई को उनकी तबियत बिगड़गयी और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.। गांव वालों ने बताया कि अस्पताल ले जाते समय कृष्णा यादव की हालत ठीक थी.। मगर सदर अस्पताल पहुंचने के बाद उनकी स्थिति बिगड़ गयी।
 सदर अस्पताल से चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर कर दिया। धनबाद ले जाने के क्रम में ही उनकी मौत हो गयी.। परिवार के मुखिया की अचानक मौत की खबर से घर में कोहराम मच गया।. देर रात को शव गांव वापस लाया गया और सीधे श्मशान पहुंचाया गया और इस तरह पिता की आशीर्वाद के साथ नए जीवन की शुरुआत करने का सपना भी बेटी का पूरा नही हो सका।
Share.

Comments are closed.

Exit mobile version