Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, June 10
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावितों ने कहा- ममता में ममता नहीं
    Breaking News

    पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावितों ने कहा- ममता में ममता नहीं

    azad sipahiBy azad sipahiMay 5, 2021No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    धुबरी । विधानसभा चुनावों में भाजपा का समर्थन करने वाले पश्चिम बंगाल के लोगों को चुनावों के पहले से ही टीएमसी के गुंडों की हिंसा का शिकार होना पड़ रहा था। लोगों काे लगा कि चुनाव बाद संभवतः सत्ता बदलेगी तो हिंसा व गुंडागर्दी के दिन बीत जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सत्ता में फिर से एक बार टीएमसी की वापसी हुई तो सत्ताधारी पार्टी के समर्थक बेकाबू होकर भाजपा समर्थकों पर टूट पड़े। राज्य भर में मतगणना के बाद हिंसा का नंगा नाच खेला जाने लगा। पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बनकर रह गया है। दूसरे दलों के समर्थक अपनी जान बचाने के लिए पश्चिम बंगाल को छोड़कर पड़ोसी राज्यों में शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं।

    इस कड़ी में मंगलवार और बुधवार को असम के धुबरी जिला में पहुंचे लगभग 500 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता व उनके परिजनों ने आंखों में आंसू लिए अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि आज अपने घर में रहना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गयी है। वे अपने घरों में वर्तमान समय में लौटकर नहीं जा सकते। असम में शरण लेने के लिए पहुंचे लोगों में सभी उम्र के लोग हैं। एक-दो वर्ष से लेकर बुजुर्ग तक शरण लेने के लिए असम में पहुंचे हैं।

    पश्चिम बंगाल के कुचबिहार जिला के तूफानगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व झावकुटी दासपाड़ा निवासी मेघू दास की कहानी दिल को दहला देने वाली है। उन्होंने बुधवार को बातचीत करते हुए कहा कि मेरी मां सरस्वती दास (75) का गत शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया। आज मुझे अपने घर में रहकर श्राद्ध क्रिया करना चाहिए, लेकिन मैं अपनी जान बचाने के लिए अपना घर छोड़कर असम में शरण लेने के लिए मजबूर हुआ हूं। मेघू दास ने कहा कि भाजपा का समर्थन करने के बदले आज मैं घर से बेघर हो गया। मेरा क्या होगा। मैं अपने घर वापस नहीं जा पाऊंगा। मेरी मां का निधन हो गया है, मेरे दिल पर क्या बीत रही है, इसको बताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। बात करते-करते मेघू दास के आंखों में आंसू आ गये। कुछ इस तरह की कहानी घर से छोड़कर असम में शरण लेने पहुंचे अन्य लोगों की भी है।

     पूर्व झावकुची इलाके के निवासी फकरुल इस्लाम ने भी अपनी व्यवथा बताते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव उन्हें घर से बेघर होने का कारण बन गया है। उन्होंने बताया कि उनके समाज (अल्पसंख्यक समाज) के लगभग 50 भाजपा कार्यकर्ता व परिजन घर छोड़कर असम में लावारिस की तरह शरण लेने के लिए मजबूर हैं। घर पर सब कुछ होते हुए भी दूसरे के रहमो करम पर रहने को आज मजबूर होना पड़ा है। फकरूल इस्लाम ने कहा कि ममता दीदी की सरकार के दिल में ममता के लिए कोई जगह नहीं है। वे आज मुख्यमंत्री पद का शपथ ले रही हैं और हम उनके राज में अपने घर से बेघर हो गये।

    असम में शरण लेने पहुंचे अन्य लोगों ने भी इस तरह की बातें बेहद कातर अंदाज में बंया की। जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो गये। लोग अपने आपसे सवाल कर रहे हैं, कि कल तक केंद्र सरकार को कोसने वाली टीएमसी पार्टी क्या इस तरह का व्यवहार अपने लोगों के साथ करेगी।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleविधायक ढुल्लू ने परिवार संग दिया धरना, प. बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
    Next Article रेलवे ने 34 ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ से 2067 टन ऑक्सीजन की ढुलाई की, दिल्ली को सबसे अधिक 707 टन
    azad sipahi

      Related Posts

      भारत ने पिछले 11 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से परिवर्तन देखा: प्रधानमंत्री मोदी

      June 9, 2025

      ठाणे में चलती लोकल ट्रेन से गिरकर 6 यात्रियों की मौत, सात घायल

      June 9, 2025

      प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि दी

      June 9, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • भारत ने पिछले 11 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से परिवर्तन देखा: प्रधानमंत्री मोदी
      • ठाणे में चलती लोकल ट्रेन से गिरकर 6 यात्रियों की मौत, सात घायल
      • प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि दी
      • हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए
      • ‘हाउसफुलृ-5’ ने तीसरे दिन भी की जबरदस्त कमाई, तीन दिनों का कलेक्शन 87 करोड़
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version