प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई )के नाम से रंगदारी मांगने वाले अपराधी धनंजय प्रधान उर्फ आदित्य सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह पंडरा ओपी क्षेत्र के बजरा का रहने वाला है। इसके पास से सात मोबाइल फोन बरामद किया गया है।

ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बीते चार मई को जितेंद्र शर्मा ने थाने में लिखित शिकायत की थी कि वह दिनेश चंद्र आर अग्रवाल इन्फोकॉन कंपनी नामकुम में कार्यरत हैं। इनकी कंपनी कांटा टोली रांची में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य करा रही है। 23 अप्रैल से लगातार अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी की मांग की जा रही है और रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए नामकुम थाना प्रभारी सुनील कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर धनंजय प्रधान उर्फ आदित्य सिंह को गिरफ्तार कर लिया । गिरफ्तार अपराधी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी के खिलाफ रांची सहित झारखंड के अन्य जिलों में कुल 53 मामले दर्ज हैं। इनमें रांची जिले में 24 मामले दर्ज हैं। इसके खिलाफ झारखंड,बंगाल और ओडिशा में भी रंगदारी वसूलने का आरोप है। उसकी तलाश लंबे समय से पुलिस को थी। माओवादी और संगीन अपराधी के नाम पर कोल, रेल और स्टील सेक्टर से रंगदारी वसूलने वाला धनंजय प्रधान जेल में बंद गैंगस्टर अनिल शर्मा के लिए काम करता था।

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