आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। जेएमएम के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने रविवार को 2000 रुपए के नोट बंद को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि 8 नवंबर 2016 रात्रि 8 बजे देश में पहली बार आर्थिक आतंकवाद का एक बड़ा हमला हुआ था। आर्थिक आतंकवाद के उस हमले में छोटे-बड़े मध्यम वर्ग के लोग और आॅगेर्नाइज्ड सेक्टर के जो एंप्लॉयमेंट के यूनिट में एक्साइज थे, एमएसएमई थे, कॉटन इंडस्ट्री थे, कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री और फिल्म इंडस्ट्री में करोड़ों लोगों का रोजगार है। उस रोजगार पर एक बड़ा हमला हुआ था और वह हमला नोटबंदी के कारण हुआ था। कहा कि उस दिन अचानक से कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद का हवाला देते हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों की वैधता समाप्त कर दी गयी थी। इसके बाद 50 दिनों का वक्त दिया गया था कि अगर आपके पास 500 और 1000 के नोट है तो उसे एक्सचेंज करा लें। कहा कि केवल 2000 के नोट को छापने में 20000 करोड़ रु लगे थे। अब 6 साल में 20000 करोड़ों बर्बाद किये गए। अब कौन सा नया नोट आने वाला है नहीं मालूम। उसमें कितने हजार की लागत लगेगी नहीं मालूम। उन्होंने कहा कि जब ये फैसला आया है, तब देश के प्रधानमंत्री विदेश में है। इस फैसले पर फाइनेंस मिनिस्टर का बयान नहीं आया है। आने वाले 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। तेलंगाना मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान इनको देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
मुझे लगता है कुछ दिनों में 500 के नोट भी बंद होने वाले हैं
सुप्रीयो ने कहा कि यह जो नोट वापस होंगे यह किनके द्वारा किए जाएंगे इसकी भी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि इस बार तो कम से कम हजार वाला से तो कम ही लोगों के पास दो हजार का नोट होगा। उसकी सूची उपलब्ध कराई जा सकती है। मुझे तो लगता है की कुछ दिनों में यह 500 रुपये के नोट भी बंद होने वाले हैं। फिर धंधा बना लेंगे फिर 100 200 के बंद हो जायेंगे। उसके बाद 75 रुपये का 150, 350 और 675 रुपये का नया नोट लाया जायेगा। इतना बड़ा आर्थिक आतंकवाद, इससे ज्यादा बड़ा कुछ नहीं हो सकता है।