-विष्णु अग्रवाल को लाभ पहुंचाने के सवाल को टाल रहे हैं पूर्व डीसी
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार आइएएस छवि रंजन पूछताछ में इडी का सहयोग नहीं कर रहे हैं। चार दिन की रिमांड पर लेने के बाद इडी ने शनिवार को उनसे विष्णु अग्रवाल को लाभ पहुंचाने के मामले में सवाल किये। जानकारी के अनुसार रांची के पूर्व डीसी इन सवालों को टालते रहे। इडी का मानना है कि वह विष्णु अग्रवाल को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इडी ने उनके सामने कुछ लिखित सवाल रखे हैं। उनका जवाब मांगा गया, तो आइएएस अधिकारी ने अधिकांश के बारे में याद नहीं होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि इन सवालों के जवाब फाइल देखने के बाद ही दिये जा सकते हैं।
बता दें कि अदालत ने छवि रंजन को शुक्रवार को चार दिन की रिमांड पर भेजा था। इससे पूर्व छह दिनों की पूछताछ समाप्त होने के बाद उन्हें पीएमएल कोर्ट में पेश किया गया था। उस दौरान इडी ने कहा था कि दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री करने के मामले में गिरफ्तार रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन सूचनाएं छिपा रहे हैं। फिलहाल उनसे दस्तावेज और डिटिजल उपकरणों से मिले डाटा के आलोक में पूछताछ की जा रही है।
छवि रंजन को सात मई को इडी ने गिरफ्तार किया था। आरोप है कि वर्ष 2020 से 2022 तक रांची के उपायुक्त रहते हुए छवि रंजन ने निजी लाभ के उद्देश्य से गैर-सरकारी लोगों को मदद पहुंचायी। उन्होंने व्यापारी विष्णु अग्रवाल को प्रतिबंधित जमीन और जालसाजी कर तैयार किये गये दस्तावेज के आधार पर जमीन खरीदने में मदद की। इसके लिए उन्होंने विष्णु अग्रवाल के पक्ष में रिपोर्टें लिखीं। उन्होंने उपायुक्त के रूप में काम करने के दौरान प्रेम प्रकाश और व्यापारी अमित अग्रवाल के साथ मिल कर साजिश रची और सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद-बिक्री में प्रदीप बागची को मदद पहुंचायी। इसके परिणाम स्वरूप यह जमीन जगतबंधु टी इस्टेट के नाम पर बिकी। यह कंपनी कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल से संबंधित है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री के सिलसिले में जारी जांच के दौरान कुछ नये तथ्य मिले हैं।
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