नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर झारखंड में भी राजनीति तेज है। नये संसद भवन के उद्घाटन का विरोध कर रहे विपक्ष में कांग्रेस के साथ- साथ झारखंड मुक्ति मोरचा भी शामिल है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति का अपमान कर रही है। झारखंड में भी इसे लेकर राजनीतिक पारा चढ़ रहा है। इस हवा दी है भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने।
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए लिखा “विपक्षियों का पाखंड देखिए। एक आदिवासी समाज की बेटी को देश के सर्वोच्च पर बिठाने की बात आई, तो इन्होंने सामूहिक रूप से विरोध किया। यहां तक कि अपना उम्मीदवार खड़ा किया (यशवंत सिन्हा जी) ताकि एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति भवन में जाने से रोका जा सके। आज विपक्ष राष्ट्रपति जी के तथाकथित अपमान की बात कहकर नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहा है। सोचिए, कितने निकृष्ट और पाखंडी हैं ये लोग।इन्हीं लोगों के लिए प्रेमचंद जी कह गए हैं। विचार और व्यवहार में सामंजस्य न होना ही धूर्तता है, मक्कारी है”।
बाबूलाल को आराम की जरूरत
बाबूलाल मरांडी के इस ट्वीट पर झारखंड मुक्ति मोरचा के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा, बाबूलाल मरांडी जी को याद नहीं है कि झामुमो ने किसका समर्थन किया था। उन्हें आराम की जरूरत है। संसद भवन के उद्धाटन को लेकर हमारा मत एक ही है। हम इसे लेकर आगे भी आवाज उठाते रहेंगे।