बेगूसराय। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पानी की हो रही कमी को लेकर देशभर में विभिन्न तरीके से जल संरक्षण अभियान चल रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए समय सीमा से पहले ही 50 हजार अमृत सरोवर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है।
बिहार में भी बड़े पैमाने पर अमृत सरोवर निर्माण कार्य किए गए। जिससे कि जल संरक्षण किया जा सके। बिहार में 4002 स्थल अमृत सरोवर के लिए चिन्हित किए गए। जिसमें से 2768 पर काम शुरू किया गया तथा 1404 अमृत सरोवर दस मई 2023 तक तैयार हो गया है। गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में अमृत सरोवर के लिए 87 स्थल चिन्हित किए गए थे। जिसमें से 74 पर कार्य शुरू किया गया तथा 36 सरोवर का निर्माण किया जा चुका है।
ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिखाए गए दिशा में हम आगे बढ़े हैं और बहुत कुछ हासिल किया है। जल हमारे लिए जीवन का महत्वपूर्ण संसाधन है और हमें उसे संरक्षित रखना हमारा दायित्व है। हमारे देश में अमृत सरोवरों की 50 हजार से अधिक की पूर्ति, इस दायित्व के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाती है। हम सब एक साथ मिलकर जल संरक्षण को अपने लिए एक प्राथमिकता बना सकते हैं।
देशभर में जिला प्रशासन, पंचायतराज पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, पंचायत, स्वयंसेवी संगठन एवं विभिन्न संस्थानों के समन्वित प्रयास और आमजनों की भागीदारी से दस मई तक अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए एक लाख पांच हजार 243 स्थलों की पहचान की गई है। जिनमें से 72 हजार 297 स्थलों पर काम शुरु किया गया तथा दस मई तक 50 हजार 71 हजार अमृत सरोवरों का निर्माण हो चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भविष्य के लिए जल संरक्षण के दृष्टिकोण से 24 अप्रैल 2022 को मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण और विकास करना है। इस मिशन के तहत 15 अगस्त 2023 तक 50 हजार अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। जिसे निर्धारित समय-सीमा से पहले पूरा कर लिया गया। अब तक 50 हजार 71 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है।
वर्षा जल संरक्षण एवं संचयन के संकल्प को साकार करने के लिए नोडल मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों के सहयोग से मिशन मोड में काम किया। विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके सरोवरों का जीर्णोद्धार और नए सरोवरों के निर्माण का एक्शन प्लान तैयार किया गया। सभी पहलुओं में संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण और जनभागीदारी को केन्द्र में रखकर किए गए प्रयासों के फलस्वरूप समय से पहले 50 हजार अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा सका।