आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को झारखंड हाइकोर्ट के नये भवन का रिमोट का बटन दबा कर उद्घाटन किया। मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के जज अनिरुद्ध बोस और झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र उपस्थित थे। बुधवार को झारखंड की राजधानी पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इससे पहले भगवान बिरसा मुंडा और अमर शहीद अल्बर्ट एक्का की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मातृशक्ति की पराकाष्ठा हैं हमारी राष्ट्रपति झारखंड हाइकोर्ट के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के मौके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि आज झारखंड के लिए बहुत गर्व का विषय है कि झारखंड हाइकोर्ट के नये भवन का उद्धघाटन हो रहा है। कम समय में इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बहुत बहुत धन्यवाद। झारखंड हाइकोर्ट के उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति का आना एक गर्व की बात है। मातृशक्ति की पराकाष्ठा हैं हमारी राष्ट्रपति कहा कि इस भवन का जब शिलान्यास हुआ था उस समय आप झारखंड की राज्यपाल थीं। छह वर्षों के झारखंड के राज्यपाल के कार्यकाल में आपने कई बार इस नये भवन को लेकर समय-समय पर जानकारी ली। एक सामान्य परिवार से निकल कर देश की सर्वोच्च पद पर आसीन होने के लिए आपको बधाई। मुख्य न्यायाधीश ने कार्यक्रम में उपस्थित राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत अन्य अथितियों का स्वागत किया।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा, मुझे संदेह नहीं है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की देखरेख में झारखंड हाईकोर्ट बेहतर करेगा। हाईकोर्ट न्याय का मंदिर है जहां लोग इंसाफ के लिए पहुंचते हैं। यही वजह है कि हमारा लोकतंत्र लगातार मजबूत हो रहा है। नया हाईकोर्ट भवन लंबी सोच के साथ बना है। यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि हम भविष्य कैसे प्लान कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा, यह भवन सिर्फ ईंट पत्थर से नहीं बना बल्कि यह लोकतंत्र का उदाहरण है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम सही समय पर फैसला दें क्योंकि न्याय में देर करना भी अन्याय है। मुझे पूरा विश्वास है कि हाईकोर्ट के सभी जज और कर्मचारी राज्य के नागरिकों में लोकतंत्र और न्याय की व्यवस्था को और मजबूत करने में सहयोग करेंगे। हम ऐसे लोगों की सहयोग करेंगे जो गरीब है और न्याय व्यवस्था में ज्यादा खर्च नहीं उठा सकते हैं। लोकअदालत ने कई पेडिंग केस को निपटाया है। उन्होंने एक रिकार्ड कायम किया है। मैं चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा को बधाई देता हूं कि उन्होंने बेहतरीन काम किया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय के सात साल के मेरे निजी अनुभव में सजा होने से पहले गरीब लोग कई दिनों तक जेल में बंद रहते हैं। अगर न्याय जल्दी नहीं मिले तो उनकी आस्था कैसे बनी रहेगी। जमानत के मामलों में प्रत्यक्ष रूप में हमें इस मामले में हमें ध्यान रखना चाहिए। मैं समझता हूं कि जिला न्यायालय को बराबरी देने की जरूरत है। जिला न्यायालय की गरिमा नागरिकों की गरिमा से जुड़ी है। न्याय प्रणाली का लक्ष्य सामान्य नागरिक को न्याय दिलाना है। मुकदमों की जानकारी मिले, समय पर सुनवाई हो, कागजात सही समय पर मिले। कैंटीन की व्यवस्था सही हो, महिलाओं के लिए शौचालय हो। हमें अपने आप से कठोर सवाल पूछने होंंगे। न्याय व्यवस्था को नागरिकों तक पहुंचाना होगा। न्याय की खोज उलझन बनने से कैसे वह लोगों तक पहुंचेगा। तकनीक के माध्यम से हम न्याय को सभी के द्वार पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायलय ने हिंदी भाषा में निर्णयों का अनुवाद किया है। मैं उच्च न्यायालय से भी यही उम्मीद है। लाइव स्ट्रीम से कोर्ट रूम को हर घर में ले जाना बेहतर है। मुझे आशा है कि आप रांची फिर लौट आने का अवसर देंगे।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर कहा, छोटे- छोटे अपराधों में झारखंड के गरीब लोग भी लंबे समय से जेल में बंद है। हमने एक सूची बनाई है जिसमें पांच साल से ज्यादा लंबित हैं। चार वर्षों से अधिक लंबित सूची तैयार की है जिसकी संख्या तीन हजार दौ सौ है। हम छह महीने के भीतर इन मामलों को भी निपटाने की कोशिश की है। भविष्य में जो भी जरूरत होगी राज्य सरकार उस पर ध्यान देगी। तकनीक का इस्तेमाल करके कैसे इसे बेहतर किया जाए इसकी पहल की जा रही है। झारखंड में इस कार्य के लिए कोई भी प्रोजेक्ट तैयार होगा तो राज्य सरकार पूरी मदद करेगी। एक महत्वपूर्ण विषय की तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा। उच्च न्यायालय में आदिवासी बहुल राज्य के लिए आरक्षण का प्रावधान हो इसकी मांग करता हूं। झारखंड में शायद यह पहली यात्रा है, भारत सरकार द्वारा केंद्र की स्कीम चलाई जा रही है जमीन की कीमत जोड़ी जाए तो नये भवन की कीमत एक लाख करोड़ रुपए की हो जायेगी। केंद्र राज्य के लिए कोई स्कीम चलाए जिससे राज्य सरकार को भी सहायता मिल पाए।
भारत के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, जब संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाया और डिबेट के बाद जब संविधान सौंपा था वह दिन था 26 नवंबर 1949। उस समय भीम राव अबेंडकर ने भाषण दिया था। उसमें उन्होंने कहा था कि हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की स्थापना करने जा रहे हैं। यह इतनी बड़ी अवधारणा की कल्पना की गयी। आजादी का अमृत महोत्सव हम सब ने मनाया। देश की आजादी के 75 साल हो गये। हम कैसे चला, कहां पहुंचे क्या संविधान के निर्माण के समय जो अवधारणा थी उसे हम पूरा कर सके। अर्जुन मेघवाल ने कहा, भारतीय न्याय व्यवस्था ने कई नवाचार किए हैं। हमेशा बेहतर करने की संभावना होती है। अब ई कोर्ट की व्यवस्था है। अब ई कोर्ट का फेज थर्ड आ रहा है, यह क्रांतिकारी होगा ऐसा मेरा मानना है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने भी इस पर जोर दिया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट, स्पेशल कोर्ट, लोक अदालत ऐसे कई नवाचार हुए हैं। ट्रैफिक के नियम तोड़ने के लिए 24 घंटे चलने वाले कई कोर्ट भी आ गये हैं। जैसे- जैसे तकनीक का प्रभाव बढ़ा कोर्ट के काम की सुविधा बढ़ाने के लिए भी यह काम आया। कोरोना काल में आपने देखा होगा कि संसार में कहीं भी सबसे ज्यादा सुनवाई हुई तो भारत में हुई है।
कानून मंत्री ने कहा, एआई अब एक मजबूत माध्यम के रूप में उभरा है। यह कोर्ट के लिए भी लाभकारी होगा। मैं राष्ट्रपति जी का आभार प्रकट करना चाहता हूं। यहां कई लोग हैं उन सबको मैं बताना चाहता हूं इस वर्ष के बजट में ऐसे कैदी जो गरीब है और जुर्माना नहीं भर सकते हैं। जुर्माना नहीं भरने के कारण सजा काटने पर मजबूर है ऐसा निर्मला सीतारमण जी ने बजट में प्रावधान कर दिया है।
कानून मंत्री ने कहा, स्थानीय भाषा में ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो। यह हमारे लिए चुनौती है। हमारे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इस दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे यहां अच्छा काम हुआ है।
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र ने कहा, यह सौभाग्य की बात है कि इस स्तर के अधिकारी और राष्ट्रपति इसका उद्घाटन कर रहीं हैं। राष्ट्रपति का शुक्रिया की उन्होंने कम समय में भी हाईकोर्ट के उद्घाटन के लिए सहमति दी। राष्ट्रपति महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं। मातृ शक्ति की प्रतिक हैं हमारी राष्ट्रपति महोदया। उनकी सादगी उन्हें ज्यादा प्रचलित बनाती है, लोग राष्ट्रपति से जुड़ाव महसूस करते हैं। मुझे याद है जब मेरी पहली बार फोन पर बात हुई थी, उस वक्त वह राज्यपाल थीं तो उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट की नयी बिल्डिंग के काम के संबंध में सवाल किया था, आज उनका सपना पूरा हुआ है।
संजय मिश्र ने कहा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने नये भवन के निर्माण में हमेशा सहयोग किया। वह लगातार नयी बिल्डिंग के संबंध में अपडेट लेते रहे। मैं पूर्व के सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का भी आभार व्यक्त करता हूं। संजय कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा, जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है, हमारे इरादों का इम्तहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है सिर्फ मुट्ठी भर जमीन अभी सारा आसमान बाकी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति का स्वागत किया है। राष्ट्रपति एयरपोर्ट से बिरसा चौक पहुंचेंगी वहां बिरसा मुंडा की प्रतिमा का माल्यार्पण किया। इसके बाद मेन रोड स्थित अलबर्ट एक्का चौक पहुंची जहां वह परमीवर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का की प्रतिमा का माल्यार्पण किया। इसके बाद वह राजभवन पहुंची। देवघर में सांसद निशिकांत दुबे भी स्वागत के लिए वहां मौजूद रहे। सांसद ने ट्वीट करते हुए लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदया का स्वागत देवघर में किया ।