रडगांव/तमाड़। प्रखंड के जारगो पंचायत के बासुकोचा में जलमीनार का हाल ऐसा है कि कभी भी दुर्घटना घट सकती है। एक हजार लीटर की टंकी लगी हुई है मगर लोहे की पाइप पूरी तरह से जंग लग कर सड़ चुकी है। वहां के ग्रामीणों की शिकायत है कि नल को चालू करके दूर में खड़ा होना पड़ता है। कभी भी यहां घटना घट सकती है। जार्गो के मुखिया को भी इसकी सूचना दी गयी है, लेकिन अभी तक लोहे की पाईप को नहीं बदला गया है।
जलमीनार को लगा हुआ मात्र तीन साल ही हुए हैं। बसु कोचा के पहाड़ी टोला में ये जलमीनार के सिवा और पानी का साधन नही है। एक और चापाकल आंगनवाड़ी में था जो पांच साल से खराब है। ये गांव पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण यहां कोई नही जाता है। यहां गरीब जनताओं का कोई सुनने वाला नही है। वहां के स्कूल में भी चापाकल नही है। बच्चे खाने के बाद जलमीनार का पानी पीते हैं। बासुकोचा के लॉरेंस तिर्की, नैमन तिग्गा, बेनियामीन एक्का, घसिया उरांव काफी चिंतित हैं।